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ओपीडी, पैथोलाजी और दवा काउंटर पर कोई नहीं

तंबौर सीएचसी में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी रेफर हो रहे मरीज वाटर कूलर खराब। परिसर में सफाई का अभाव रैन बसेरा में स्वास्थ्य कर्मियों का डेरा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 11:10 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 11:10 PM (IST)
ओपीडी, पैथोलाजी और दवा काउंटर पर कोई नहीं
ओपीडी, पैथोलाजी और दवा काउंटर पर कोई नहीं

सीतापुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 10:10 बजे डा. अहसन कमाल अपने कक्ष में मरीज देख रहे थे। ओपीडी में केवल एक डाक्टर ही मौजूद था। अन्य डाक्टरों की कुर्सियां खाली थीं। वहीं, कुछ डाक्टरों के रूम बंद थे। 10:15 बजे इमरजेंसी रूम में भी डाक्टर की कुर्सी खाली थी। यहां अन्य कोई कर्मचारी भी नहीं दिखा। 10.20 बजे ओपीडी के कक्ष नंबर-दो पर ताला लटक रहा था। अधीक्षक डा. अनंत मिश्र अपने कार्यालय में बैठे थे।

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इसी क्रम में 10.22 बजे पैथोलाजी बंद थी। बाहर टूटी बेंच पर बैठीं दो महिलाएं कर्मचारियों के आने का इंतजार कर रहीं थीं। इन दोनों महिलाओं ने बताया कि पैथोलाजी में जांच कराने आईं हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) कक्ष भी बंद था। शौचालय पर भी ताला लटक रहा था। 10.24 बजे दवा काउंटर पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। 10.35 बजे कई मरीज बाहर बैठे मिले। लेकिन, एक भी फार्मासिस्ट नजर नहीं आया। औषधि भंडार कक्ष भी बंद था, यहां पर दो फार्मासिस्ट अखिलेश सोलंकी व विनय कुमार मिश्र की तैनाती है। कर्मचारियों के इंतजार में मरीज मेज व स्ट्रेचर पर बैठे नजर आए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हर माह औसतन 300 प्रसव होते हैं। अस्पताल में अधीक्षक डा. अनंत मिश्र, डा. अहसन कमाल, डा. मनोज, डा. साक्षी शर्मा व डा. फरहीन खान की तैनाती है। विशेषज्ञ डाक्टरों के ज्यादातर पद रिक्त हैं। सर्जन की तैनाती नहीं है। नेत्र, हड्डी व बाल रोग विशेषज्ञ के पद लंबे समय से रिक्त हैं। दो महिला डाक्टरों की तैनाती है। लेकिन, मरीजों ने बताया कि वे आतीं नहीं हैं। डा. साक्षी डेंटल व डा. फरहीन खान महिला रोग विशेषज्ञ हैं। जावेद ने बताया कि ज्यादातर दवाएं बाहर की लिखी जातीं हैं। महंगी दवा खरीदना सबके वश की बात नहीं है। बुखार की दवा लेने आए नरेंद्र ने बताया कि अस्पताल में सिर्फ नाममात्र दवाएं रहती हैं। स्टोर रूम में टूटी कुर्सियां व सामान बिखरा पड़ा था, जिन पर धूल जमी थी। वार्ड में बेड पर चादर नहीं थी और गद्दे की रैक्सीन फटी हुई थी। स्वास्थ्य केंद्र में काफी गंदगी व्याप्त थी। परिसर में कई जगह कूड़े के ढेर नजर आए। स्टाफ के लिए बने आवास जर्जर हालत में हैं, जिनकी छतें बारिश के मौसम में टपकती हैं। अल्ट्रासाउंड तो हो रहा, मगर एक्सरे जांच की सुविधा नहीं :

स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे जांच होती है। लेकिन, अल्ट्रासाउंड जांच नहीं होती है। एक्सरे टेक्नीशियन राजेश कुमार आए नहीं थे। एक्सरे रूम पर ताला लटक रहा था। कुछ लोग बाहर मौजूद मिले। केवल ये जांचें उपलब्ध :

पैथोलाजी में टेक्नीशियन अमर सिंह व वीरेंद्र कुमार की तैनाती है। वीरेंद्र मौजूद थे, मगर अमर सिंह आए नहीं थे। वीरेंद्र ने बताया कि लैब में ब्लड ग्रुप, एंटीजेन, मलेरिया, ब्लड शुगर, डेंगू व कोरोना आदि की जांच होती है। वाटर कूलर खराब, रैन बसेरा में ताला :

स्वास्थ्य केंद्र में तीन एंबुलेंस खराब हालत में खड़ी थीं। अस्पताल में बिजली के बोर्ड उखड़कर लटक रहे थे। वाटर कूलर खराब मिला। दो हैंडपंप हैं, जिनसे दूषित पानी आता है। रैन बसेरा बना है, जिस पर ताला लटक रहा था। तीमारदार फहीम ने बताया कि रैन बसेरा में स्वास्थ्य कर्मी रहते हैं। वर्जन ..

मैं अपने कार्यालय में मौजूद था। डाक्टर व कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं थे, उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा। विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है। जर्जर आवासों का स्टीमेट अधिकारियों को भेजा है। बजट आते ही कार्य शुरू कराया जाएगा। साफ-सफाई भी कराई जाएगी। अन्य जो कमियां हैं, उनकी सूचना मुख्यालय को दी हैं। स्वास्थ्य संसाधन बढ़ाने व सुधार के प्रयास जारी हैं।

- डा. अनंत मिश्र, अधीक्षक सीएचसी तंबौर


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