अपमान से आहत स्वतंत्रता सेनानी ने मांगी इच्छामृत्यु
जिला अस्पताल के सीएमएस की चहुंओर निदा धरना बाद में घर पहुंचकर मांगी माफी
सीतापुर: उन्होंने अंग्रेजों की चूले हिला दीं। देश की आन, बान और शान के लिए हर दम लड़े। स्वाधीनता आंदोलन के नायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण शर्मा का जिला अस्पताल में अपमान हुआ तो पूरा जिला हिल गया। सेनानी ने डीएम से इच्छामृत्यु मांगी और दूसरी तरफ सामाजिक संगठन ने सीएमएस पर कार्रवाई के लिए उपवास पर बैठ गए। यही नहीं, प्रतिनिधि मंडल ने आक्रोश जताकर डीएम अखिलेश तिवारी से बात की। इसका संज्ञान लेकर डीएम ने जांच का आश्वासन दिया। सुबह विकास भवन के सामने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के धरने पर बैठने की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई, वैसे ही उन्होंने सीएमएस डॉ. एके अग्रवाल के व्यवहार की निदा की। यही नहीं, डॉ. बृजबिहारी सीएमएस पर कार्रवाई की मांग को लेकर 48 घंटे के उपवास पर बैठ गए। पूर्व बार अध्यक्ष आशीष मिश्र, आइएफडब्ल्यूजेके अध्यक्ष हरीराम अरोड़ा ने भी धरना में अपना समर्थन दिया। इस दौरान धरने पर बैठे नेताओं ने बताया कि यदि 48 घंटे में कोई कार्रवाई नहीं होती है तब महिला संगठन आंदोलन तेज करेगी और प्रतिरोध मार्च निकालकर सीएमएस का पुतला दहन भी करेगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ सीतापुर ने भी उपवास का समर्थन दिया और दोषी पर कार्रवाई की मांग की। सेनानी की जुबानी, दुर्व्यवहार की कहानी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिव नारायण शर्मा ने डीएम को बताया कि तबीयत खराब थी और जब सीएमएस के पास पहुंचे तब उन्हें पानी की टंकी के निकट ओपीडी में जाकर दिखाने को कहा। ओपीडी में पहुंचने पर कहा गया कि लाइन में लग कर आओ। वहां भीड़ थी, लेकिन उन्हें कोई देखने को तैयार नहीं था। अस्पताल प्रशासन घंटों इधर से उधर चक्कर लगवाता रहा और इलाज नहीं मिला। उनकी बहू दिल्ली में भर्ती है, जिसकी वजह से वे बगैर इलाज करवाए ही वापस घर लौट आए। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दे दी जाए। पहले कहा अभद्रता का आरोप गलत बाद में माफी मांगी
धरने और उपवास की खबर के बाद सीएमएस एके अग्रवाल ने कहा कि अभद्रता का आरोप गलत है। उन्होंने तो सिर्फ फिजीशियन को दिखाने की बात कही थी। हालांकि, देर शाम सीएमएस खुद घर पहुंच गए और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मेरे बाबूजी (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी) को कोई कष्ट हो तो मेरे लिए इससे दुखद कुछ भी नहीं।