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माइनरों में आए पानी तो खेतों की बुझे प्यास

सीतापुर : क्षेत्र में खीरी शाखा से निकली माइनरें झाड़ी व घास फूस पटी पड़ी हैं। इनसें किसा

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 11:26 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 11:26 PM (IST)
माइनरों में आए पानी तो खेतों की बुझे प्यास
माइनरों में आए पानी तो खेतों की बुझे प्यास

सीतापुर : क्षेत्र में खीरी शाखा से निकली माइनरें झाड़ी व घास फूस पटी पड़ी हैं। इनसें किसानों के खेतों को पानी मिल पाना दिन पर दिन मुश्किल होता जा रहा है। देवीपुर माइनर भी घास फूस से पटी है। माइनर को देखकर ही अंदाजा लग जाता है कि इसमें एक-डेढ़ वर्ष से पानी नहीं आया होगा। माइनर में सिल्ट पटी हुई है। पानी आ भी जाए तो आगे नहीं बढ़ पाएगा। जबकि कागजों पर हर वर्ष माइनर की सफाई होती है। माइनरें किसानों की सुविधा के लिए बनाई गई लेकिन इनका लाभ किसानों को कभी भी समय पर नहीं मिल पाया। किसानों ने वर्षों से इनमें पानी नहीं देखा। मजबूरन किसान किराये पर ट्यूबवेल व बो¨रग से ¨सचाई कराते हैं। जिससे खेती करना कठिन होता जा रहा है। इस समय सिधौली रजबहे की सफाई चल रही है। जबकि इस समय रबी अभियान की तैयारी में किसान जुटे हैं। जब किसानों को पानी की जरूरत होती है तब विभाग सफाई कराता है। देवी माइनर में पानी न आने से मदारीपुर, ¨सहपुर, काशी गोपालपुर, अलादादपुर, जहानपुर, बाड़ी, गड़िया हसनपुर, गढ़ी रांवा व मनिकापुर गांवों के हजारा ं ¨सचाई से वंचित रहते हैं। चित्र-17एसआइटी04-

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क्षेत्र के माइनर सदैव सूखे रहते हैं। किसानों को पानी नहीं मिलता, सफाई के नाम पर लाखों खर्च होते हैं।

महावीर

चित्र-17एसआइटी05-इस समय सरसों व गेहूं बोया जा रहा है। तब माइनरों की सिल्ट सफाई का कार्य नहर विभाग करा रहा है।

वसी चित्र-17एसआइटी06

माइनर किनारे गांव होने के बाद भी कभी ¨सचाई के लिए पानी नहीं मिला, निजी संसाधनों का सहारा लेते हैं।

अजय शुक्ल चित्र-17एसआइटी07-

माइनरों में पानी समय पर उपलब्ध हो तो किसानों को दिक्कतें न हों। लेकिन ऐसा होता ही नहीं है। प्रदीप ¨सह

चित्र-17एसआइटी08-

देवीपुर माइनर म ं वर्षों से पानी टेल तक नहीं आया है। ऐसे में किसान तो सदैव ¨सचाई से वंचित रहते हैं। आशीष

चित्र-17एसआइटी09-

¨सचाई के लिए पानी नहीं मिलता तो माइनरों व रजबहों का क्या मतलब। ¨सचाई सफाई का रोस्टर बदले।

सलीम


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