कोराना के चलते नहीं सजेगी झांकियां
कभी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के लिए इस बार वह रौनक नहीं दिखेगी। लोग सिर्फ घरों में ही कान्हा के जन्मोत्सव को मनाएंगे।
सीतापुर: कभी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के लिए इस बार वह रौनक नहीं दिखेगी। लोग सिर्फ घरों में ही कान्हा के जन्मोत्सव को मनाएंगे। पहले शहर में कई स्थानों पर झांकी सजती थी। कमेटी से जुड़े लोग करीब एक माह पूर्व से तैयारियों में जुट जाते थे। इन मनमोहक झांकी को देखने के लिए लोग दूर दराज स्थानों से नंद गोपाल के दर्शन के लिए आते थे। हालात यह हो जाते थे कि पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती थी। पीएसी की झांकी तो आसपास जिलों में मशहूर थी। काफी बड़़ा मेला भी लगता था। लेकिन इसबार कोरोना का ऐसा ग्रहण लगा कि भगवान कृष्ण की वह ऐतिहासिक झांकी नहीं लगेगी। बीस वर्ष पुरानी परंपरा टूटी
श्रृंगार झांकी कमेटी के सदस्य संदीप गुप्ता का कहना है आलम नगर स्थित मां दुर्गा मंदिर के पास वर्ष 2000 में मुहल्ले के कुछ लड़कों के साथ मिलकर घर के चबूतरे पर भगवान श्रीकृष्ण की झांकी सजाई। उसके बाद अगले ही बरस इस झांकी ने थोड़ा बड़ा रूप ले लिया। जो साल दर साल बढ़ता ही रहा। पिछले करीब 15 सालों से यह झांकी मेन चौराहे पर वृहद रूप में लगती आ रही है। लेकिन इसबार कोरोना के चलते झांकी नहीं लग पाएगी। इसका मलाल है। इसबार सभी लोग घरों पर ही रहकर पूजा करें। हालात सुधरने पर अगले साल धूमधाम से कार्यक्रम किया जाएगा। पीएसी में नहीं सजेगी झांकी
यहां पीएसी में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने की परंपरा वर्षों पुरानी रही है। जवानों द्वारा बनाई गई झांकी को देखने के लिए दूरदराज स्थानों व गैर जनपदों से बहुत लोग आते रहे हैं। इस बार यहां भी सादगी से पूजा होगी। झांकी नहीं सजाई जाएगी।