बारिश से लड़खड़ाई बिजली, अंधेरे में रहा जिला
जिले की बिजली व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है। दिन पर दिन सिस्टम लड़खड़ाता जा रहा है।
सीतापुर : जिले की बिजली व्यवस्था दिन पर दिन लड़खड़ा रही है। जरा सी बारिश होते ही बिजली गुल हो जाती है। सोमवार रात भी बारिश से बिजली गुल हुई और फिर पूरी रात जिला अंधेरे में डूबा रहा। तेज आंधी से कई जगह तार टूटे, पेड़ उखड़ गए और कई लोग जख्मी भी हुए। मंगलवार सुबह होने पर फाल्ट सही कराकर सप्लाई चालू कर दी गई।
सोमवार रात 9 बजे अचानक बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ तेज आंधी भी चली, जिससे कई जगहों पर तार टूटने से सप्लाई बंद कर दी गई। पूरी रात जिला बिन बिजली के रहा। शहर के सभी मुहल्लों में कटौती रही। कई बार बिजली आई, लेकिन ट्रिपिग से शहरवासी परेशान रहे। इसके अलावा महोली, मिश्रिख, मछरेहटा, संदना, खैराबाद, औरंगाबाद, कमलापुर, सिधौली, अटरिया, लहरपुर, तालगांव, सदरपुर, महमूदाबाद, रामपुर कलां, रेउसा, रामपुर मथुरा समेत सभी इलाकों में बिजली गायब रही। सुबह फाल्ट और टूटे तार सही कराकर कई इलाकों में बिजली सप्लाई चालू कर दी गई थी। वहीं, पिसावां इलाके में आंधी-पानी से पूरी रात बिजली गुल रही, जबकि दर्जनों पेड़ उखड़ गए। थाने के पास बिजली लाइन पर भारी भरकम पेड़ गिर गया। मुल्लाभीरी गांव निवासी महिला ऊषा पर छप्पर गिरने से वह घायल हो गई। गुरसंडा गांव के पास शीशम का पेड़ गिरने से कई घंटों तक जाम लगा रहा। हरगांव इलाके के मुद्रासन, सधुवापुर, झरेखापुर, हैदरपुर समेत सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे रहे। पानी तक की किल्लत हुई। नेरी में बिजली का खंभा गिर गया। दिन में भी शहर में बिजली की आंख मिचौली जारी रही। सबसे बुरा हाल जिला अस्पताल का रहा। यहां 12 बजे के करीब बिजली गुल हो गई, इससे मरीज परेशान हो उठे। मरीजों से सर्जिकल वॉर्ड पूरी तरह से फुल था। बिजली न होने की वजह से मरीजों को हाथ वाले पंखे का सहारा लेना पड़ा। स्टॉफ नर्स से लेकर अन्य कर्मचारी अंधेरे में काम करते नजर आए। उजाले के लिए टॉर्च का सहारा लेना पड़ा। 'आंधी-पानी से कई इलाकों में बिजली पोल, तार टूटने से नुकसान हुआ है। हालांकि, मरम्मत कराकर सप्लाई बहाल करा दी गई है।
एनपी सिंह, एसी