रविवार रात बनी सड़क, सोमवार सुबह खोदा गड्ढा
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सीतापुर : इसे सरकारी धन की बर्बादी कहें, सिस्टम की लापरवाही या फिर जिम्मेदारों की मनमानी। जो रात में लाखों की लागत से सड़क बनाई गई। उसे सुबह होते ही खोद डाला गया। नतीजा नागरिक सड़क की मरम्मत होने के बावजूद भी परेशान है। बात उछली और जिम्मेदारों से पूछा गया, तब वे अपने अलग तर्क दे रहे हैं। जबकि क्षेत्र के बाशिदों का कहना है कि सिस्टम ने इस काम में खेल कर दिया।
नगर पालिका क्षेत्र में अमीरगंज से रामकुंड चौराहा जाने वाली सड़क बीते डेढ़ वर्ष से खस्ताहाल पड़ी थी। सड़क में इतने गड्ढे थे, कि पैदल चलना भी दूभर था। नागरिकों ने तमाम शिकायतें की, तब कहीं जाकर जिम्मेदार जागे। हाल ही में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही करीब एक करोड़ की लागत से शहर की मुख्य मार्गाें की मरम्मत के टेंडर करवा लिये थे। 29.36 लाख रूपये की लागत से अमीरगंज सड़क का निर्माण किया जाना है। रविवार की रात कार्यदायी संस्था ने उस सड़क पर लेबर व मशीनें लगाकर गिट्टी व डामर डाला। जिसके बाद रोड रोलर चलाकर सड़क को दुरुस्त किया। रात भर काम चला, तो सुहब लोगों को उबड़-खाबड़ सड़क की जगह, चमचमाती सड़क नजर आई। जिसने भी देखा, वह खूशी से झूम उठा, कि चलो डेढ़ वर्ष बाद ही सहीं, अब उन्हें चमचमाती सड़क मिल गई है। लोग अभी सड़क को पूरी तरह से देख भी नहीं पाए थे, कि सोमवार की सुबह ही पालिका के कुछ कर्मचारी अमीरगंज पहुंच गए। लोग कुछ समझ पाते, पालिका कर्मचारियों ने एक स्थान पर सड़क के बीचो बीच खोदना शुरू कर दिया। नागरिकों ने पूछा, तो बताया गया कि वाटर सप्लाई की पाइप लीक है। कुछ ही देर में करीब पांच फीट गहरा गड्ढा पालिका कर्मियों ने खोद डाला। कुछ देर मरम्मत करने के बाद पालिकाकर्मी गड्ढा को खुला छोड़कर चलते बने। अब लोगों की समझ में नहीं आ रहा है, कि आखिर जब गड्ढा खोदना था, तब सड़क की मरम्मत क्यों करवाई गई।
वहां के निवासी दीपक वर्मा, पियूष, पप्पू, श्रीराम आदि का कहना है कि पाइप लीकेज तो दो सप्ताह से है, तमाम बार शिकायतें की गई, लेकिन पालिकाकर्मी आए तब, जब सड़क बनकर दुरुस्त हो गई। अब चमचमाती सड़क पर खुदा पड़ा गहरा गड्ढा विकास कार्य की हकीकत बयां करते हुए सिस्टम को मुंह चिढ़ा रहा है। दिक्कत तो इस बात की है, कि बीच सड़क पर मौजूद गड्ढा हादसे का सबब बन सकता है। दुरुस्त होगा मार्ग
शीघ्र ही गड्ढे को पटवाकर सड़क दुरुस्त की जाएगी। लोगों की शिकायत को दूर किया जाएगा।
शैलेंद्र दुबे, ईओ