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ओवरटेक में भिड़ीं बाइकें, क्रैश हुए हेलमेट दो की मौत

रविवार शाम पांच बजे के दौरान नेरी मार्ग पर पथरी गांव के

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 11:08 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:08 PM (IST)
ओवरटेक में भिड़ीं बाइकें, क्रैश हुए हेलमेट दो की मौत
ओवरटेक में भिड़ीं बाइकें, क्रैश हुए हेलमेट दो की मौत

सीतापुर : रविवार शाम पांच बजे के दौरान नेरी मार्ग पर पथरी गांव के पास दो बाइकों में आमने-सामने से भिड़ंत हो गई। हादसे में दोनों बाइक सवारों की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों बाइक सवारों के हेलमेट क्षतिग्रस्त हो गए। सीएचसी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉ. अवनीश कुमार ने बताया, दोनों मृतक युवकों के सिर, हाथ-पैर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें हैं। मृतक बाइक सवारों में युवकों में प्रवीन व राजू उर्फ जटायू हैं।

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बताया जा रहा है कि इन दिनों पथरी गांव में सत्संग चल रहा है। करमल कुईंया के रनवीर का 19 वर्षीय बेटा प्रवीन सत्संग से बाइक से घर लौट रहा था। पथरी के सुंदरलाल का 35 वर्षीय बेटा राजू उर्फ जुटायू हरदोई से बाइक से गांव आ रहा था। रास्ते में ओवरटेक के समय हादसा हो गया।

बस को ओवरटेक करते समय हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस नेरी की तरफ जा रही थी। इसी को बाइक सवार ओवरटेक कर रहे थे। ओवरटेक के दौरान दोनों बाइकों की गति भी कुछ अधिक ही थी। बाइकें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। काफी दूर तक फिसली हैं। मृतक जटायू के हैं पत्नी व पांच बच्चे

बताया जा रहा है कि राजू उर्फ जटायू पिछले चार-पांच साल से सुसराल में ही पत्नी के साथ रह रहा था। वह रविवार को अपने गांव पथरी में आयोजित सत्संग में शामिल होने आ रहा था। जटायू के परिवार में तीन बेटियां व दो बेटे और पत्नी है, यह लोग ननिहाल में ही रहते हैं। वैसे अपने पांच भाइयों में राजू तीसरे नंबर का था। वहीं, करमल कुईंया का प्रवीन तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। बीआइएस मार्का के हेलमेट ही सुरक्षित : एआरटीओ

नेरी मार्ग पर हुए हादसे में हेलमेट क्षतिग्रस्त हो गए। हो सकता है कि बाइक सवारों के हेलमेट निर्धारित मानक न पूरा करने वाले हों। हम लोग बार-बार यही बताते हैं कि चालान से बचने को हेलमेट न पहनें। हल्के हेलमेट क्रैश हो जाते हैं। सेफ्टी नहीं कर पाते हैं। इसलिए सफर को सुरक्षित करने को बीआइएस मार्का हेलमेट पहनें। स्ट्रैप को सही तरीके से बांधें। बहुत ढीला न हो और न ही बहुत कसा हो।

- डॉ. उदित नारायण पांडेय, एआरटीओ-प्रवर्तन


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