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सब्जी के खेतों में काम से मिला सहारा

बाहर से आए प्रवासियों को नहीं मिल सकी किसी तरह की मदद

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 11:03 PM (IST)
सब्जी के खेतों में काम से मिला सहारा
सब्जी के खेतों में काम से मिला सहारा

सीतापुर : बंदी के बाद घर लौटे प्रवासी तहसील प्रशासन से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। क्षेत्र के भकुरहा ग्राम पंचायत में कुल 80 प्रवासी श्रमिक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से वापस आए थे। इन लोगों को अभी तक राशन किट मुहैया नहीं हो पाई है। खाते में एक हजार रुपये देने की बात कही गई थी, वह भी पूरी नहीं हुई। मनरेगा में काम भी नहीं मिला है। ऐसे में मेहनत, मजदूरी कर किसी तरह परिवार का खर्च चला रहे प्रवासी प्रशासन से राहत पाने राह देख रहे हैं। एक से ढाई माह तक आए हुए बीत गए हैं, राजस्व कर्मी प्रवासियों की सुधि तक लेने नहीं आए हैं। ऐसे में प्रवासी सब्जी वाले खेतों में काम कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

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केस एक- भकुरहा के रामू हरियाणा की एक फैक्ट्री में काम करते थे। बंदी में काम बंद हो गया तो खाली हो गए। फैक्ट्री संचालक ने एक माह के पैसे भी नहीं दिए। किसी तरह की मदद न होने पर वह कुछ दूर तक पैदल भी चले। फिर ट्रक से घर तक आए। स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के बाद क्वारंटाइन कर दिया गया। आज तक राशन किट नहीं मिली। एक हजार रुपये भी खाते में नहीं आए। मनरेगा से काम भी नहीं मिल सका है।

केस दो- शांतनु पंजाब में खेतों में मजदूरी करते थे। बंदी के बाद खेत मालिक ने वापस जाने के लिए कहा। इस पर घर चले आए। यहां जांच के बाद होम क्वारंटाइन किया गया। राशन किट से वंचित रह गए। राशन कार्ड, जॉब कार्ड भी नहीं बना। काम की तलाश है। फिलहाल खेतों में काम कर रहे हैं। मजदूरी से ही घर का खर्च चल रहा है। प्रधान से राशन किट के लिए कहा तो वह बाले तहसील से आते ही दी जाएगी।

केस तीन- रिकू, सौरभ, श्याम हरियाणा में मजदूरी करते थे। बंदी के बाद घर लौट आए। यहां दो माह हो गए राशन किट नहीं मिली। खाते में पैसे भी नहीं आए। न जॉब कार्ड बना और न ही मिल सका। क्षेत्र में सब्जी की खेती होती है, खेतों में मजदूरी कर परिवार का खर्च चला रहे हैं। खेतों में लौकी, तरोई, टमाटर, भिडी आदि की तोड़ाई इस समय कर रहे हैं। प्रतिदिन दो सौ रुपये मिल जाते हैं। मनरेगा में काम मिले तो राहत मिले। वर्जन-

ग्रामसभा में कुल 80 प्रवासी आए हैं। मनरेगा में काम के लिए मुनादी कराई है। जिन लोगों ने इच्छा जताई उनके जॉब कार्ड बनवा रहे हैं। राशन कार्ड के लिए आवेदन कराए हैं। बहुत से लोग निजी काम के साथ खेत में मजदूरी कर रहे हैं। राशन किट के लिए तहसील को सूची भेजी है।

सुनीता, प्रधान भकुरहा


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