.. जी हां, सरकारी स्कूल ऐसा भी होता है!
प्रधानाचार्य की मेहनत और शिक्षकों के सहयोग से संवर गया स्कूल
सीतापुर : कई प्रजातियों के फूलों के पौधों से हरा-भरा स्कूल का परिसर। बच्चों के सेहत को संवारने के लिए तैयार हो रहा किचेन गार्डेन। मनोरंजन के लिए लगे झूले। पेयजल और शौचालय का बेहतर इंतजाम। जो भी इस स्कूल के भवन का रंगरोगन और रखरखाव देखता है तो यही कहता है कि 'क्या सरकारी स्कूल ऐसा भी होता है'। जी हां, हम बात कर रहे हैं विकास खंड मिश्रिख के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय परसौली की। संविलयित स्कूल की व्यवस्थाएं देखकर हर कोई उसकी तारीफ ही करता है। मिश्रिख कस्बे से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित ये परिषदीय स्कूल इलाके के कांवेंट स्कूलों को पीछे छोड़ रहा है। स्वच्छता अभियान की सुंदर तस्वीर भी स्कूल में नजर आती है। स्कूल की सूरत संवारने वाले प्रधानाचार्य व प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रवींद्र दीक्षित ने विद्यालय की सभी व्यवस्थाओं को दुरस्त किया है। शिक्षक पवन दुबे, शालिनी सिन्हा भी स्कूल की व्यवस्थाएं दुरस्त रखने में सहयोग करते हैं। शिक्षामित्र आरती मौर्य व सरोज भार्गव का सहयोग भी रखता है।
कराई बैंडिग, सुरक्षित कर लिए अभिलेख
प्रधानाचार्य रवींद्र दीक्षित कहते हैं कि, स्कूल के पुराने अभिलेख खराब हो रहे थे। अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए बैंडिग कराई गई है। जिल्द लगवाकर, अभिलेखों को एक अलग अलमारी में सुरक्षित रखा गया है। स्कूल के पुराने फर्नीचर की मरम्मत कराकर उसे उपयोग में लाया जा रहा है।
सफाई पर जोर, बच्चों की सेहत का ख्याल
स्कूल परिसर की सुबह और शाम दोनो समय नियमित सफाई कराई जाती है। बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए किचेन गार्डेन तैयार किया जा रहा है। खेल मैदान भी व्यवस्थित किया गया है। बच्चों के लिए झूले भी लगवाए गए हैं। एक कमरे में रसोई का सामान व्यवस्थित किया गया है। प्राइमरी व जूनियर के बच्चों के खाने की प्लेट अलग-अलग अलमारी में रखी गई है। कंप्यूटर कक्ष में तीन कंप्यूटर रखे गए हैं। सभी कमरों में पंखे और प्रकाश की बेहतर व्यवस्था की गई है।