पक्का बन गया मकान, भिक्षावृत्ति छोड़ स्कूल जाने लगे बच्चे
मिरदही टोला में बने 45 परिवारों के आवासों में अब आने लगे सगे-संबंधी। झुग्गी-झोपड़ी में रहकर भिक्षावृत्ति कर बिताते थे जीवन बचे भी जाने लगे स्कूल।
निर्मल पांडेय, सीतापुर
पक्का मकान, बिजली, पानी और शौचालय सब कुछ तो हो गया है। राशन कार्ड भी बन गया। गैस कनेक्शन मिला है और अब हम स्वरोजगार की राह पर हैं। ये कहना है शहर में मिरदही टोला के 45 परिवारों का। यह सब प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी से संभव हुआ है। मिरदही टोला के ये परिवार समाज के अंतिम पायदान वाले हैं। इन परिवारों ने अब भिक्षावृत्ति छोड़कर बच्चों को स्कूल भेजना शुरू कर दिया है। अब इनका जीवन विकास की डगर पर है।
कुसमा, कमला और प्रेमा ने बताया कि वे वर्ष 2018 में नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के संपर्क में आईं थीं। प्रधानमंत्री आवास के संबंध में एक व्यक्ति रिक्शा पर बैठकर उद्घोषणा कर रहा था। इसे सुनकर वे डूडा कार्यालय गई थीं। फिर सिविल इंजीनियर पीयूष मिश्र ने इनके मुहल्ले में शिविर लगाकर आवास देने की प्रक्रिया शुरू की थी।
खुले में नहीं, इज्जतघर में जाते हैं शौच :
नेत्रहीन राजबाबू को घर मिल गया है। शौचालय भी हो गया है। राजबाबू कहते हैं कि वह अब खुले में नहीं इज्जतघर में शौच जाते हैं। किरन कहती हैं कि पति की मौत के बाद दुश्वारियों ने घेर लिया था। लेकिन, आवासीय योजना ने उनके जीवन को बदल दिया है। अभी तक ये लोग भिक्षावृत्ति कर रहे थे। जगप्यारी सिल-बट्टा व रस्सी बनाकर बेचती हैं। मकान पक्का हो जाने से जगप्यारी, माया, बड़की, यमकली व उर्मिला भी बड़े उत्साह से कहती हैं, ये उनका घर है।
पूजा ने बताया कि टिन के नीचे रहते थे। अब घर पक्का हो गया है, जीवन की मुश्किलें आसान हो गई हैं। दो बेटे हैं, जो कि तीन साल से कम आयु के हैं। अब इनकी अच्छी परवरिश कर सकेंगे। उर्मिला ने बताया कि साहब हमें कौन पूछता था। अब घर पक्का हो गया है तो रिश्तेदार भी आने लगे हैं। झोपड़ी थी तो सगे-संबंधी भी नहीं आते थे। घर, बिजली, पानी, गैस सिलिडर सब कुछ तो हमारे पास है।
अब देंगे रोजगार..
पीओ-डूडा सुधीर गिरि ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने समाज में अंतिम पायदान वाले परिवारों के जीवन को बदला है। मिरदही टोला के 45 परिवार झुग्गी-झोपड़ी में रहते थे। इनके घर पक्के हो गए हैं। अब इनको सामाजिक गतिशीलता एवं संस्थागत विकास योजना में सामूहिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे।