राजघाट पर अव्यवस्थाओं का 'राज'
नैमिषारण्य में गोमती के राजघाट पर नजर नहीं आती श्रद्धालु सुविधाएं। गंदगी और अव्यवस्थाओं के बीच आदि गंगा में डुबकी लगाते हैं श्रद्धालु।
सीतापुर : धर्मनगरी में आदि गंगा गोमती के राजघाट पर अव्यवस्थाओं का राज है। श्रद्धालु सुविधाओं के नाम पर गोमती का सिर्फ पानी ही साफ नजर आता है। घाट पर गंदगी की भरमार है। किनारे पर गोमती के जल में प्लास्टिक भी तैरती दिखती है। नियमित सफाई नहीं होती। कहने को तो घाट की सफाई के लिए दो सफाई कर्मचारी लगाए गए हैं, लेकिन घाट की गंदगी कर्मियों के काम की हकीकत बता देती है। सफाई कर्मी प्रतिदिन घाट की सफाई नहीं करते।
घाट पर रहने वाले पुरोहित मंगल नरेश दीक्षित के अनुसार, अमावस्या के बाद बुधवार को सफाईकर्मी घाट पर नजर आए थे। घाट पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा दो पीआरडी जवान संभालते हैं।
शौचालय बहदाल, गंदगी में लगा नल
राजघाट पर कुछ वर्षों पहले बनवाया गया लाखों की लागत वाला शौचालय बदहाल हो गया है। श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए बना ये शौचालय प्रयोग में नहीं आ रहा है। शौचालय में गंदगी तो रहती ही है, पानी सप्लाई भी नहीं है। महिला शौचालय में ताला लगा रहता है। पेयजल के नाम पर लगे नल के आसपास कीचड़ जमा रहता है। नल की चौकी भी नहीं बनी है। श्रद्धालु, पानी के लिए परेशानी झेलते हैं। महिलाओं के वस्त्र बदलने के लिए बने कमरे में भी गंदगी रहती है।
घाट पर जिम्मेदारों की अनदेखी का अंधेरा
राजघाट पर प्रकाश व्यवस्था के लिए लगी सोलर लाइटें जिम्मेदारों की अनदेखी का शिकार हो गई हैं। कई सोलर लाइटों की बैटरी व पैनल चोरी होने के बाद खाली खंभे ही खड़े हैं। कुछ लाइटों की बैटरी व पैनल पालिका ने खुलवाकर रख दिए हैं।
घाट की सफाई के लिए सफाईकर्मियों की तैनाती है। शौचालय गंदे हो गए थे, इसके लिए ही बंद करा दिए। शौचालयों का ताला खुल जाएगा। सफाई भी कराई जाएगी।
- आरपी सिंह, ईओ मिश्रिख