अस्पताल गेट पर ताला, पैसे लेकर लखनऊ से मंगाई जा रही दवा
तिलपुरा होम्योपैथिक अस्पताल में कभी-कभार ही आते हैं डाक्टर। बोले ग्रामीण पैसे लेकर लखनऊ से मंगाई जाती है दवा।
हरिशंकर शुक्ला, सीतापुर
होम्योपैथिक अस्पताल तिलपुरा का हाल यह है कि यहां मरीजों को बाहर की दवा लिखी ही नहीं जा रही, बल्कि पैसे लेकर लखनऊ से मंगाकर दी भी जाती है। दरअसल, डाक्टर व अन्य कर्मचारी अस्पताल में दवा नहीं होने का जवाब मरीजों को देते हैं, जिसके लिए 500 से एक हजार रुपये वसूल किए जाते हैं। यह आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। उनका कहना है कि अस्पताल भी प्रतिदिन नहीं खुलता।
दैनिक जागरण की पड़ताल में बुधवार सुबह 10 बजे होम्योपैथिक अस्पताल तिलपुरा पर ताला लटका मिला। वहीं पर मौजूद ग्रामीण रजनीश ने बताया कि अस्पताल सप्ताह में दो या तीन दिन ही खुलता है। दवा लखनऊ से लाकर देने के नाम पर पांच सौ से एक हजार रुपये वसूल किए जाते हैं। अस्पताल में डाक्टर कुलदीप व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नितिन की तैनाती है।
होम्योपैथिक चिकित्सक तिलपुरा अस्पताल कुलदीप कुमार ने बताया कि चिकित्सालय नियमित खुलता है। स्वास्थ्य सही नहीं होने की वजह से अस्पताल नहीं पहुंच सका हूं। दूसरे कर्मचारी का पेट खराब है। इस वजह से अस्पताल नहीं खुला है। अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता है। बाहर से दवा लाकर देने का आरोप गलत है।
11 बजे आते हैं और एक बजे चले जाते हैं डाक्टर :
ग्रामीण राजेश ने बताया कि होम्योपैथिक अस्पताल के डाक्टर सप्ताह में तीन दिन ही आते हैं। कभी-कभार तीन दिन भी अस्पताल नहीं खुलता है। जब अस्पताल खुलता है तो डाक्टर 11 बजे आते हैं और दोपहर एक बजे तक लौट जाते हैं। दिनेश कुमार ने बताया कि यहां कोई होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर भी नहीं है। लखनऊ से दवा लाकर देने की बात कही जाती है, जो कि काफी महंगी मिलती है। एक सप्ताह में पांच सौ से दो हजार रुपए दवा पर खर्च हो जाते हैं।