सावधान, फिर मिले तेंदुए के पैरों के निशान
औरंगाबाद के गांव अरबगंज निवासी किसान लालाराम ने खेतों से गुजरते तेंदुए को देखा भी है। किसान की सूचना पर पहुंची न विभाग की टीम ने भी तेंदुए के पगचिह्न होने की पुष्टि की है।
सीतापुर : मिश्रिख, नीमसार व गोंदलामऊ इलाके के लोगों को सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। इलाके में एक बार फिर तेंदुए के पैर के निशान मिले हैं।
औरंगाबाद के गांव अरबगंज निवासी किसान लालाराम ने खेतों से गुजरते तेंदुए को देखा भी है। किसान की सूचना पर पहुंची न विभाग की टीम ने भी तेंदुए के पगचिह्न होने की पुष्टि की है। साथ ही ग्रामीणों को सावधान और सतर्क रहने की नसीहत भी दी है। तेंदुए की चलहकदमी से इलाके के करीब 20 गांवों में दहशत का माहौल है। करीब 15 दिन पहले ही गोंदलामऊ इलाके के खेवटा जंगल में एक तेंदुआ पिजरे में फंसा था। जिसे किशनपुर सेंचुरी भेजा गया था। बता दें कि, मिश्रिख व गोंदलामऊ ब्लॉक के करीब 50 गांवों में पिछले तीन महीनों से तेंदुए ने दहशत फैला रखी थी। 21 दिसंबर को तेंदुए के पिजरे में फंसने से ग्रामीणों को राहत मिली थी। शनिवार रात गेहूं फसल की रखवाली करते समय गांव अरबगंज निवासी लालाराम ने तेंदुए को बीबीपुर से भैरमपुर की ओर तेंदुए को जाता देखा। लालराम ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी।
वन विभाग को जानकारी दी गई। फारेस्टर एसएन शुक्ला कहते हैं कि, गांव बीबीपुर-परसपुर के समीप खेतों में तेंदुए के पगचिह्न मिले हैं। कांबिग की जा रही है। जरूरत हुई तो पिजरे लगाए जाएंगे।
इन गांवें में हैं दहशत : तेंदुए के पगचिह्न मिलने के बाद इलाके के बीबीपुर, परसपुर, औरंगाबाद, भैरमपुर, शेखपुर, भैसासुर, गयाबर, कनवाखेड़ा आदि गांवों में दहशत का माहौल है। तेलियानी, रहीमाबाद, शाहपुर, घैला, ततरोई, पनाहनगर, हथिया, रामशाला आदि गांवों में भी दहशत है।
अकेले न निकलें, आवाज करते चलें : फारेस्टर एसएन शुक्ला कहते हैं कि, ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत है। जंगली जानवर के पगचिह्न मिले हैं, ऐहतियात बरतना जरूरी है।