Move to Jagran APP

उच्च शिक्षा की 'बुनियाद' मजबूत न कर सके नेता

जिलेभर में छात्राओं के लिए कोई राजकीय महाविद्यालय नहीं होने से हर साल दाखिले को होती है जद्दोजहद। प्राइवेट में सिर्फ एक कालेज हिदू कन्या महाविद्यालय में भी सीटें कम होने से परेशान होती हैं छात्राएं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 10:57 PM (IST)
उच्च शिक्षा की 'बुनियाद' मजबूत न कर सके नेता
उच्च शिक्षा की 'बुनियाद' मजबूत न कर सके नेता

निर्मल पांडेय, सीतापुर

loksabha election banner

खूब पढ़ो-खूब बढ़ो, लड़की शिक्षित होगी तो दो परिवारों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा। ये स्लोगन सुनने में अच्छे लगते हैं लेकिन, दुर्भाग्य है कि हमारे शहर में उच्च शिक्षा के मद्देनजर छात्राओं के लिए कोई भी राजकीय महिला डिग्री कालेज नहीं है। प्राइवेट में हिदू कन्या महाविद्यालय जरूर है, पर यहां भी सीटें करीब 1,050 ही हैं। इसलिए इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को उच्च शिक्षा में प्रवेश मिलना कठिन हो जाता है। ऐसे में छात्राएं निजी विद्यालय में जाती हैं या फिर घर बैठने के अलावा और दूसरा कोई रास्ता नहीं होता है। हमारे जिले के जनप्रतिनिधि भी इस समस्या की तरफ कोई खास ध्यान नहीं देते हैं न ही महिला शिक्षा को कभी चुनावी मुद्दा बनाते हैं।

छह साल में निर्माण पूरा न ही हैंडओवर हुआ कालेज :

पूर्ववर्ती सरकार में 2015 में शहर में राजकीय बालिका डिग्री कालेज बनाने की स्वीकृति मिली थी। यह कालेज पुराने सीतापुर में शेल्टर होम के पास बन रहा है। छह साल हो गए हैं, यह महाविद्यालय अब तक निर्माणाधीन ही है। स्टाफ तैनात हुआ है न ही वहां प्रयोगशालाओं को तैयार किया जा सका है। बैठने की व्यवस्था भी नहीं हो सकी है। कार्यदायी संस्था अभी तक सिर्फ निर्माण में ही लगी हुई है।

ड्राइंग व कामर्स की पढ़ाई से वंचित हैं छात्राएं :

छात्राओं का कहना है कि यदि वह ड्राइंग, गृह विज्ञान या कामर्स से उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहें तो जिले में इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं है। महिला डिग्री कालेज नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में छात्राएं न चाहते हुए भी सहशिक्षा प्रदान करने वाले कालेजों में दाखिला लेने को मजबूर हैं। इनमें आरएमपी डिग्री कालेज व पंडित दीन दयाल उपाध्याय डिग्री कालेज खैराबाद शामिल हैं। वहीं, प्राइवेट कालेज में पढ़ाई महंगी है और वह शहर से दूर भी पड़ते हैं। इसलिए प्रतिदिन कालेज जाना भी संभव नहीं हो पाता है।

फरवरी में हैंडओवर करेंगे भवन : अभियंता

राजकीय बालिका डिग्री कालेज का भवन उप्र आवास विकास परिषद बना रहा है। परिषद के सहायक अभियंता डीके गोयल ने बताया कि डिग्री कालेज बनाने की स्वीकृति 2015 में मिली थी। इसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपये है। निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। फरवरी में इस भवन को उच्च शिक्षा विभाग को हैंडओवर कर देंगे। डिग्री कालेज निर्माण पूरा होने में छह साल से अधिक का समय लगने का कारण सहायक अभियंता ने कार्यदायी संस्था के ठेकेदार के साथ कई घटनाएं होना बताया।

ये कहना है छात्राओं का .

आरएमपी डिग्री कालेज काजल कैथवाल, बीए-द्वितीय वर्ष ने बताया किइंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए शहर में छात्राओं के लिए सिर्फ एक कालेज हिदू कन्या महाविद्यालय है। इसमें एक हजार ही सीटें हैं। लड़कियां लड़कों के कालेज में दाखिला लें या फिर घर बैठें।

श्रुति शुक्ला बीए-तृतीय वर्ष ने बताया कि हमने इंटर तक पढ़ाई सेक्रेट हार्ट इंटर कालेज से की। इसके बाद खगेसियामऊ में डीपी वर्मा मेमोरियल पीजी कालेज में दाखिला लेना पड़ा। यदि शहर में विकल्प मिल जाता तो हम इतनी दूर पढ़ने क्यों जाते। हमारे जनप्रतिनिधि भी छात्राओं की उच्च शिक्षा पर ध्यान नहीं देते हैं।

साक्षी अवस्थी बीएससी-प्रथम वर्ष ने बताया कि हम हबीबपुर में रहते हैं। पढ़ने को जीडीसी खैराबाद साइकिल से जाते हैं। करीब नौ किलोमीटर जाना और लौटना, यानि कि 18 किमी. पड़ जाता है। यदि शहर में व्यवस्था होती तो हमें इतनी दूर पढ़ने के लिए नहीं जाना पड़ता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.