सेतु निगम की अनदेखी से हाईवे पर जाम, खतरा बने खुले बिजली तार
टिन के बोर्ड पर सावधान करना नाकाफी किसी भी दिन जान ले सकती है अनदेखी्र ओवरब्रिज बनने में अभी लगेगा वक्त कार्य ढिलाई में जवाब देने को तैयार नहीं जिम्मेदार
सीतापुर : हाईवे के बिजवार तिराहे पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज ट्रैफिक के लिए सिर दर्द बना है। यहां बड़ा खतरा ये है कि सड़क पर बिजली के खुले तार पड़े हैं। इन तारों में सप्लाई हो रही बिजली के करंट से बड़े हादसे को नकारा नहीं जा सकता है।
खुले बिजली के तार लखनऊ तरफ से आ रहे ट्रैफिक के निकट हैं। हालांकि जिम्मेदारों ने जिस जगह पर बिजली तार खुले हैं, वहीं पर लोगों को सावधान करने को टिन का बोर्ड लगाया है। बोर्ड पर लिखा है कि कार्य प्रगति पर है बिजली तारों, मेन स्वीच से दूर रहें, पर टिन बोर्ड पर इतना अंकित कर देना ही पर्याप्त सुरक्षा नहीं है। चूंकि हाईवे पर चल रहा ट्रैफिक वहीं पर जाम का झाम भी झेलता है और छोटे एवं भारी वाहन या बाइक सवार रास्ता पार करने को कई तरह की जुगत अपनाते हैं। दो साल में सिर्फ पिलर खड़ा कर पाया सेतु निगम
हाईवे के बिजवार तिराहे पर ओवरब्रिज बनने में मार्ग पर अव्यवस्था स्वाभाविक भी है, पर हां इतना भी नहीं है कि इसे दुरुस्त न किया जा सके। लेकिन यह जिम्मेदारों की इच्छाशक्ति पर निर्भर है। आपको बता दें कि करीब डेढ़-दो साल से उप्र सेतु निगम ओवरब्रिज बना रहा है पर अभी तक वह पिलर ही खड़ा कर पाया है। उस पर छत डालने की नौबत नहीं आई है। उलटे आरोप रेलवे पर पटरी न बिछा पाने का लगाया जा रहा है। हालांकि रेलवे ने पटरी बिछाने के लिए गाटर लगा दिए हैं। कहने का मतलब ढिलाई रेलवे की तरफ से भी है। कुल मिलाकर इस तरह की अनदेखी में लगभग हर रोज बिजवार तिराहे पर जाम का झाम रहता है। एंबुलेंस भी प्रभावित होती है। पांच-छह महीने लगेंगे ओवरब्रिज बनने में
मौके पर मिले लकी मिश्र ने बताया, वह सेतु निगम में सुपरवाइजर हैं। उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज के लिए पिलर बन गए हैं। बताया, ओवरब्रिज बनने में अभी पांच-छह महीने लग सकते हैं। उन्होंने रेलवे की ढिलाई को भी वजह बताया। बिजवार तिराहे पर जाम से छुटकारे के लिए हमने कुछ इंतजाम किए हैं पर वे नाकाफी हैं। लखनऊ की तरफ से आने वाले ट्रैफिक की गति कम करने को तिराहे पर स्पीड ब्रेकर थे, जिन्हें हमने थोड़ा और पीछे करा दिया है।
- सत्येंद्र राय, ट्रैफिक इंस्पेक्टर