हादसे में घायल कांस्टेबल की इलाज के दौरान मौत
बचपन में पिता का साया उठने के बाद पूरे परिवार को संभाले था अंकित
सीतापुर : हादसे में घायल कांस्टेबल अंकित सिंह की सोमवार सुबह 10.25 बजे ट्रॉमा सेंटर लखनऊ में मौत हो गई। वह वर्ष 2015 बैच के कांस्टेबल थे। वर्तमान में पिसावां थाने में तैनात थे। पिछले सप्ताह गुरुवार सुबह वह बाइक से सरकारी कार्य से जिले पर आ रहे थे। इसी दौरान रामकोट-वजीरनगर मार्ग पर जवाहरपुर चीनी मिल के पास अज्ञात वाहन ने सामने से उनकी बाइक में टक्कर मार दी थी। जिसमें वह घायल हुए थे। उनका इलाज लखनऊ में ही ट्रॉमा सेंटर में हो रहा था। 28 वर्षीय मृतक अंकित सिंह पुत्र राकेश सिंह उन्नाव जिले के बीघापुर थाना क्षेत्र के गांव आंणाखेड़ा निवासी थे। हादसे के बाद अंकित को रामकोट थाना पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक देख ट्रॉमा सेंटर रेफर किया था।
थानाध्यक्ष कुंवर बहादुर सिंह बताते हैं कि कांस्टेबल अंकित सिंह काफी मिलनसार और सरल स्वभाव का था। इसलिए उसे थाने का स्टाफ ही नहीं बल्कि, क्षेत्र में लोग व्यक्तिगत रूप से मानते थे। अंकित की असमय मौत से हर कोई दुखी है। थाने के साथी कांस्टेबल रूपेश, अरविद, ज्योति, मनोज, ललित, विपिन, आंकाक्षा आदि सभी के चेहरे उदास थे।
तीन बहनों में इकलौता भाई था अंकित
कांस्टेबल अंकित के पिता राकेश सिंह भी पुलिस में थे। बचपन में अंकित सिर के पिता का साया उठ गया था। इसके बाद मां के साथ ही उसकी तीनों बहन की जिम्मेदार अंकित जिम्मे आ गई थी। चूंकि अंकित बहनों में इकलौता था। समय से उसने अपनी दो बहनों का विवाह भी कर दिया था। अब छोटी बहन के विवाह के लिए वर की तलाश में था। हालांकि यह छोटी बहन भी अंकित से बड़ी है। बहन की शादी करने के बाद ही वह अपने विवाह की तैयारी की योजना में था।
पहली पोस्टिग भी सीतापुर में मिली
वर्ष 2015 में कांस्टेबल पर भर्ती होने के बाद अंकित सिंह की पहली नियुक्ति सीतापुर में ही सिधौली कोतवाली में हुई थी। इसके बाद उसका सकरन थाने में स्थानांतरण हुआ था। फिर पुलिस लाइन में कुछ समय रहा। उसके बाद अभी हाल ही में 27 दिसंबर को पिसावां थाने पर तैनात किया गया था।