बढ़ रहीं बीमारियां, नहीं पहुंच रहीं स्वास्थ्य टीमें
बाढ़ ने श्रीरामपुरवा के 30 परिवारों को कर दिया बेघर रास्ते क्षतिग्रस्त।
सीतापुर : गांजर में नदियों के तटवर्ती गांवों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। गंदगी से मच्छर पनप रहे हैं, जिससे काफी संख्या में लोग बीमार हैं। लेकिन, स्वास्थ्य टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहुंच रही हैं। ऐसे में झोलाछाप ही सहारा हैं।
रेउसा प्रतिनिधि के अनुसार श्रीरामपुरवा में पंचायतघर व सामुदायिक शौचालय के पास शारदा नदी कटान रही है। दरअसल, 20 अक्टूबर के बाद आई बाढ़ में श्रीरामपुरवा के 30 लोगों के घर गिरकर बह गए, जो कि चमेली, महेश, सुरेश, बृजेश, रामकली, परमेश्वर, संतोष सिंह, पप्पू, खिलावन, हरिनाम, रवीना, विजेंद्र, जोगिदर, साबिर, अनवर, रईसा, अनीश, रामविजय व लालजी आदि के थे। ये लोग अब मेउड़ी छोलहा से किशोरगंज व ताहपुर मार्ग पर पालीथिन के नीचे गुजर-बसर कर रहे हैं। मेउड़ी छोलहा के पूर्व प्रधान प्रतिनिधि जगदीश यादव ने बताया कि बाढ़ का पानी निकलने के बाद गांव में कीचड़ है, जिससे दुर्गंध उठ रही है। मच्छरों के कारण ग्रामीण परेशान हैं। जुकाम, बुखार, खांसी व बदन दर्द से भी लोग पीड़ित हैं। गंदगी व्याप्त होने के कारण बच्चों के छोटे-छोटे लाल दाने निकल रहे हैं।
मेउड़ी छोलहा से रेउसा 18 किलोमीटर दूर है और मार्ग भी आवागमन लायक नहीं है। ऐसे में ग्रामीण झोलाछाप से इलाज कराने को मजबूर हैं। श्रीरामपुरवा से ताहपुर, मेउड़ी छोलहा से श्रीरामपुरवा, गोड़ियनपुरवा से मेउड़ी छोलहा मार्ग क्षतिग्रस्त हैं।
गोशाला में बाढ़ का पानी
रामपुर मथुरा : देसी लौकिया गांव की गोशाला में दो-तीन फीट पानी है। गोवंश पानी में खड़े हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी डा. राकेश मलिक ने बताया कि गोशाला में पानी भरने की सूचना है। शुक्रवार को कानूनगो पहुंचे थे। बांसुरा, सरैंया, कोठवल, जरावन, छतौनी व तेरवा में भी दो से तीन फीट पानी एकत्र है। ये गांव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं। नायब तहसीलदार महमूदाबाद प्रीती सिंह ने बताया कि चौका-गोबरहिया में पानी अधिक है। नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।
डंडपुरवा पहुंचे डीएम :
डीएम विशाल भारद्वाज शुक्रवार को एसडीएम पंकज राठौर के साथ बाढ़ प्रभावित डंडपुरवा पहुंचे। यहां उन्होंने हालात का जायजा लिया। ग्रामीणों से बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी ली। इसी क्रम में प्राथमिक स्कूल पहुंचकर बच्चों को बिस्किट बांटे।