ठीक नहीं है कोरोना की अनदेखी, कुछ करिए..
रोडवेज बस अड्डा की कोविड हेल्प डेस्क पर फर्नीचर और न कर्मी एमआइ बोले रविवार को 67 शनिवार को 29 यात्री दिल्ली से जिले में आए
सीतापुर : शीतकाल में कोरोना ने एक बार फिर से गति पकड़ ली है, पर जिम्मेदारों की तरफ से बचाव के उपाय नहीं दिख रहे हैं। यह स्थिति तब है जब शासन ने सीधे डीएम को अलर्ट किया है। जिले में दिल्ली व उसके आसपास जिलों, हरिद्वार, प्रयागराज, मेरठ आदि क्षेत्रों से यात्री आ रहे हैं। इनमें कोरोना जांच के लिए रोडवेज बस अड्डा और रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिग तक की व्यवस्था नहीं की गई है। सीतापुर डिपो ने भी बस अड्डा परिसर में कोविड जांच एवं बचाव के संबंध में कोई इंतजाम नहीं कर रखे हैं। बुजुर्ग हों या युवा, अधिकांश यात्री बिना मास्क के ही घूमते दिखते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोडवेज बस अड्डा पर मलेरिया अधिकारी विकास सिंह और सीतापुर जंक्शन पर सौरभ सिंह लगे हैं। सोमवार को ये लोग ड्यूटी पर नहीं मिले। दोपहर 1.24 बजे मलेरिया अधिकारी विकास सिंह के फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया, दिल्ली से आने वाले यात्रियों की सूची उन्हें एआरएम भेज देते हैं। छह दिन में 207 यात्रियों की मिली सूची
मलेरिया अधिकारी विकास सिंह ने बताया, दिल्ली व अन्य जिलों से आने वाले यात्रियों की सूची एआरएम हमें भेज देते हैं। इस तरह 25 से 30 नवंबर तक एआरएम ने 207 यात्रियों की सूची दी है। विकास सिंह का कहना है कि जब हमें एआरएम दिल्ली से आने वाले यात्रियों की सूची दे ही देते हैं तो वहां बस अड्डा पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। दिल्ली से प्रतिदिन आ रहे 150 यात्री..
दिल्ली से प्रतिदिन 15 बसें आती हैं। इनमें दिल्ली की औसतन 120-150 तक सवारियां होती हैं। जिले में आने वाले इन यात्रियों के नाम-पता परिचालक से नोट कराकर उनकी स्वास्थ जांच के लिए सीएमओ को हम वाट्सएप कर देते हैं। वैसे बस अड्डा पर यदि मेडिकल की टीम लग जाती तो बहुत ही अच्छा होता।
- विमल राजन, एआरएम
हमारे पास मैन पॉवर का अभाव है..
लॉकडाउन में मैन पॉवर पर्याप्त थी। कई अन्य विभाग के भी अधिकारी-कर्मचारी कोविड बचाव कार्य में लगे थे। अब हमारे पास उतनी मैन पॉवर नहीं है। आशाओं के लिए भी कह दिया गया है कि अब वह अपना नियमित कार्य करेंगी। वैसे रोडवेज पर मलेरिया अधिकारी विकास सिंह व जंक्शन पर सौरभ सिंह की ड्यूटी लगाई गई है।
- डॉ. पीके सिंह, एसीएमओ