बारिश में जिला अस्पताल आएं, तो छाता भी साथ लाएं
मंगलवार को इमरजेंसी ओपीडी व वार्ड की छत से टपक रहा था पानी। दोपहर में गुल हुई बिजली वार्डों में अंधेरा टार्च जलाकर किया काम।
सीतापुर : बारिश के समय जिला अस्पताल आएं, तो छाता भी साथ लाएं। अस्पताल की इमरजेंसी ओपीडी और वार्ड की छत से पानी टपकता है। बरामदे में भी पानी आता है। भीगने से बचने में छाता काम आएगा। मंगलवार दोपहर इमरजेंसी की छत से टपकते पानी ने मरीजों-तीमारदारों सहित स्वास्थ्य कर्मियों को परेशान किया। वार्ड के सामने बरामदे में भी बारिश का पानी भर गया।
सीएमएस डा. एके अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल का भवन काफी पुराना है। तेज बारिश होने पर कहीं कहीं छत टपकने लगती है। मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। चिल्ड्रेन वार्ड में बच्चों की मौत के बारे में जानकारी नहीं है। उपचार हो रहा है।
कागजों को बचाने की जिद्दोजहद, तीमारदार ने लगाया छाता :
दोपहर तीन बजे जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में गेट के पास से लेकर स्टाफ नर्स के बैठने की जगह तक छत से पानी टपक रहा था। वार्ड में घुसते समय तीमारदारों को छाता लगाना पड़ रहा था। स्टाफ नर्स के मेज के पास खड़े अनिल ने भी छाता लगा रखा था। वार्ड में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि कागजों को बचाना मुश्किल हो रहा है।
ओपीडी में टपकते पानी के नीचे रखा डस्टबिन :
इमरजेंसी ओपीडी में गेट के पास छत से पानी टपक रहा था। फर्श पर पानी फैल रहा था। जहां पानी टपक रहा था, उसके नीचे डस्टबिन रखा हुआ था। इमरजेंसी से मेडिकल वार्ड जाने वाले बरामदे में भी पानी भर गया। सफाईकर्मी पानी निकालने में जुटे थे। मरीजों के तीमारदार इसी बरामदे में आराम करते हैं। पानी भरा होने से उन्हें बैठने की जगह भी नहीं मिली।
बत्ती गुल, मोबाइल फोन की टार्च जलाकर किया काम :
दोपहर करीब 3:20 बजे अस्पताल की बिजली गुल हो गई। चिल्ड्रेन वार्ड में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ने मोबाइल फोन की टार्च जलाकर काम किया। मेडिकल बी वार्ड अंधेरा छा गया। मरीजों का उपचार कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने मोबाइल फोन की टार्च जलाई। तीमारदार भी मोबाइल की टार्च जलाए दिखे। अस्पताल की बिजली आधे घंटे से अधिक समय तक गुल रही।