फिर से बढ़ने लगा है कोरोना, बिना मास्क बाहर न निकलें
बढ़ रहा कोरोना शासन ने एल-1 व एल-2 अस्पताल को तैयार रखने को कहा 4060 में होंगे आरटी-पीसीआर एवं एंटीजन टेस्ट बनेंगे स्टैटिक टेस्टिग सेंटर
सीतापुर : दिल्ली व अन्य स्थानों से जिले में आ रहे यात्रियों से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। लिहाजा, ऐसे लोगों के स्वास्थ की निगरानी करने का वक्त है। शासन ने भी बढ़ते कोविड रोगियों को देख जिलों को अलर्ट किया है। कहा है कि शीतकाल में लोगों के श्वसन से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए अगले दो महीने तक अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। बंद हो चुके खैराबाद के एल-1 अस्पताल को फिर से कोरोना रोगियों के लिए तैयार रखना होगा। खास तौर से पर्याप्त वेंटीलेटर की उपलब्धता बनाए रखने को कहा गया है। अतिरिक्त बेडों पर भी ऑक्सीजन की व्यवस्था रखने के निर्देश हैं।
कोविड टेस्टिग के लिए बनेंगे सेंटर
डीएम से शासन ने कहा है कि जरूरत पूरी हो सके, इसलिए एल-1 स्तर के अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेडों पर ऑक्सीजन की सुविधा रखी जाए। संक्रमण के मामलों में मैपिग करते हुए इस तरह के क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए, जहां से संक्रमण के केस अधिक आ रहे हों। इन क्षेत्रों में चिह्नित संपर्कियों में आरटी-पीसीआर से कोविड टेस्ट किए जाएंगे। लोग आसानी से कोविड टेस्ट करा सकें। स्टैटिक टेस्टिग सेंटर बनाने को कहा गया है। सेंटरों पर सुबह 10 से शाम चार बजे तक सैंपल लिए जाएंगे। जिला अस्पताल में बनेगा कोविड केयर सेंटर
कोरोना का एकल केस आने पर 50 मीटर और कलस्टर बनने पर 100 मीटर की परिधि में क्लस्टर जोन बनेगा। निगरानी समितियों को दोबारा सक्रिय करने के निर्देश हैं। शासन का मानना है कि कोरोना संक्रमित हो चुके लोग कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करते हैं। इनके इलाज व सहायता के लिए जिला अस्पताल में पोस्ट कोविड केयर सेंटर बनाने को कहा गया है। ये भी हैं जरूरी
डीएम को निर्देश हैं कि सरकारी प्रसव केंद्रों पर गर्भवती के प्रसव के समय कोविड जांच के लिए एंटीजन किट का अभाव न हो। प्रसव के दौरान भी गर्भवती को सीएचसी-पीएचसी से कोविड जांच के कारण उसे वापस नहीं किया जाएगा।
कोविड टेस्ट के लिए जिले में एक हजार एंटीजन और 800 आरटी-पीसीआर का लक्ष्य है। दिल्ली से आने वाले लोगों की निगरानी के लिए रोडवेज बस अड्डा व रेलवे स्टेशन पर टीमें लगाई हैं। यात्रियों के नाम नोट कर उनकी निगरानी व सैंपलिग के लिए डाटा संबंधित सीएचसी पर भेजते हैं।
- डॉ. पीके सिंह, एसीएमओ