जिला अस्पताल में भी मच्छर मार रहे 'डंक'
सीतापुर: बरसात का मौसम है, जगह-जगह मच्छर पनप रहे हैं। जिम्मेदार मच्छरों की पैदावार पर रोकथाम नहीं कर
सीतापुर: बरसात का मौसम है, जगह-जगह मच्छर पनप रहे हैं। जिम्मेदार मच्छरों की पैदावार पर रोकथाम नहीं कर सके, लेकिन इलाज की भी व्यवस्था भी समुचित नहीं हो पाई। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ इस कदर बढ़ रही है, कि लोग बीमारी से अधिक अव्यवस्था से परेशान हैं।
50 लाख की आबादी की सेहत का ध्यान रखने के लिए जिला मुख्यालय पर 213 बेड का अस्पताल है। जिला अस्पताल में भीड़ कम रहे, इसको लेकर अलग-अलग कस्बों में 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व एएनएम सेंटर खुले हुए हैं। जिला अस्पताल हाल यह है कि प्रतिदिन यहां तीन हजार के करीब मरीज पहुंच रहा है। इनमें एक हजार की संख्या में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जो बुखार से पीड़ित हैं। इमरजेंसी की ओपीडी में 10 से 12 की संख्या में प्रतिदिन ऐसे बुखार पीड़ित पहुंच रहे हैं, जिनकी हालत गंभीर रहती है। ऐसे में मरीजों को भर्ती तो कर दिया जाता है। लेकिन उन्हें बेड मयस्सर नहीं होते। मरीजों को फर्श पर ही बिस्तर लगाकर इलाज दिया जा रहा है। वहीं अस्पताल में इस कदर भीड़ उमड़ रही है, कि पर्चा काउंटर से लेकर, ओपीडी तथा दवा काउंटर तक लंबी-लंबी लाइनें नजर आती हैं। बेड खाली, मरीज फर्श पर : इसे अव्यवस्था नहीं तो और क्या कहा जाए। रविवार को जिला अस्पताल के मेडिकल ए वार्ड में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे थे। उन्हें फर्श पर ही बिस्तर लगाकर इलाज दिया जा रहा था। जबकि इमरजेंसी वार्ड में मौजूद सारे बेड खाली पड़े थे। जो मरीज फर्श पर इलाज करा रहे थे, अगर उन्हें बेड दे दिया जाता, तब भी करीब छह बेड खाली ही रहते। तीमारदारों का कहना था, कि अगर उनके पास सिफारिश होती, तब शायद बेड जरूर मिल जाते। अस्पताल ही बीमारी का घर : अस्पताल परिसर में जगह - जगह जलभराव था। इनमें मच्छर व लार्वा पनप रहे थे। इन जलभराव पर शायद जिम्मेदारों का कोई ध्यान ही नहीं था। जबकि ये मच्छर यहां भर्ती होने वाले मरीजों को और बीमार कर रहे थे। वहीं तीमारदार भी बीमारी मच्छरों का प्रकोप झेल रहे हैं।