जाति प्रमाण पत्रों की जांच में बाधा
सीतापुर : लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए शिक्षा विभाग सत्यापन के लिए आरोपित शिक्षकों के जा
सीतापुर : लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए शिक्षा विभाग सत्यापन के लिए आरोपित शिक्षकों के जाति प्रमाणपत्र देने में हीलाहवाली कर रहा है। तहसीलदार द्वारा मांगे गए पांच शिक्षकों में से केवल दो शिक्षकों के ही अभिलेख दिए गए हैं। इससे आरोपित शिक्षकों की जांच डेढ़ महीने बाद भी पूरी नहीं हो पा रही है।
जाति प्रमाण पत्र की जांच टीम के सदस्य राजस्व निरीक्षक अनिल ¨सह व अरुण अवस्थी के मुताबिक आरोपित शिक्षकों की जाति प्रमाणित करने के लिए न सिर्फ 67 वर्ष पुराने राजस्व अभिलेख खंगाले गए हैं। 19 अक्टूबर को बीएसए को पत्र भेजकर पांचों आरोपित शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों से संबंधित जानकारी मांगी गयी थी। पहले तो मुश्किल से ही बीएसए कार्यालय में पत्र प्राप्त किया गया। इसके बाद पांच में से केवल 2 शिक्षक नवनीत गुप्ता और बीना गुप्ता के शैक्षिक प्रमाण पत्र दिए। शेष तीन आरोपित शिक्षकों से संबंधित जानकारी न मिलने से जांच बाधित है। आरोपित शिक्षकों में बीना गुप्ता, प्रियंका गुप्ता और नवनीत गुप्ता टीईटी में जनरल वर्ग से हैं, लेकिन बाकी अभिलेखों में ओबीसी बने हुए हैं। यह था मामला
2 जून को उरदौली के प्रमोद ने बीएसए व डीएम से शिकायत की थी कि महोली निवासी उनके रिश्तेदार सामान्य वर्ग के होने के बावजूद फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे ओबीसी बनकर शिक्षा विभाग की नौकरी कर रहे हैं। शिकायत के साथ प्रमाण भी दिए गए थे। इसके बाद प्रमोद की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। हत्या के बाद बीएसए ने एसडीएम महोली को पत्र भेजकर जाति प्रमाणपत्र की जांच कराने का अनुरोध किया था।
तीन बार लेखपाल और कानूनगो को बीएसए ऑफिस भेजा है। जानकारी देने में हीलाहवाली की जा रही है।
अभिमन्यु वर्मा, तहसीलदार