जर्जर हैं आरक्षी आवास, जाने कब मिलेगी भय से निजात
जिले में कई विभागों का कार्यालय जर्जर भवनों में संचालित
सीतापुर : जिले में कई विभागों का कार्यालय जर्जर भवनों में संचालित हो रहा है। आवासीय भवन भी जर्जर हो चुके हैं। इन कार्यालयों में काम करने वाले और भवनों में रहने वाले कर्मचारियों को हमेशा भय बना रहता है। जर्जर भवनों की मरम्मत के प्रयास भी काम नहीं आ रहे हैं। आवास हैं जर्जर, हर समय रहता डर
पिसावां : करीब सौ वर्ष पहले बना थाना भवन व पुलिसकर्मियों के आवास पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने थाना भवन व आरक्षी आवास को कंडम घोषित कर ध्वस्तीकरण के लिए पत्राचार भी किया था। मूल्यांकन के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को भी पत्र भेजा गया। थानाध्यक्ष के स्थानांतरण के बाद ये प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। पुलिसकर्मी जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं। बारिश के समय आवास की छतों से पानी भी रिसता है। थाना प्रभारी कुंवर बहादुर सिंह ने बताया, मौजूदा समय में थाने पर 66 पुलिस कर्मी तैनात हैं। कुछ पुलिसकर्मी किराए पर कमरा लेकर रहते हैं। करीब 25 पुलिस कर्मी पुराने जर्जर भवन में रहते हैं।
खंडहर हुए आवास, मरम्मत कराकर चला रहे काम
तंबौर : कस्बे के पुरानी बाजार में बना कस्बा चौकी का भवन खंडहर हो चुका है। इस जर्जर भवन के कुछ हिस्से की मरम्मत कराकर तंबौर थाने के दस से अधिक आरक्षी निवासी कर रहे हैं। सौ वर्ष से भी अधिक पुराने इस भवन को कंडम घोषित कराने के लिए पत्राचार किया जा चुका है।
बता दें कि, इस भवन का निर्माण 1906 में कराया गया था। वर्ष 1988 में नया भवन बनने के बाद तंबौर थाना स्थानांतरित हो गया। कस्बे के बीचो-बीच भवन होने के चलते इस पुराने भवन में कस्बा पुलिस चौकी बना दी गई। इंचार्ज जितेंद्र बहादुर सिंह ने वर्ष 2020 में भवन के कुछ हिस्सों की पुताई कराकर चौकी का कामकाज शुरू कर दिया था। तंबौर थानाध्यक्ष अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि, पुराने थाना भवन में पुलिस चौकी है। इस भवन का कुछ हिस्सा जर्जर है। उन्होंने बताया कि, आवास की कमी है। आवास बनाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।