कचरा प्रबंधन के आठ कूप, कूड़ा निस्तारित होगा योजना अनुरूप
घरों व पार्कों से निकले कूड़े को आठ गड्ढों में डलवाकर बनवा रहे खाद।
सीतापुर : शहर के सरोजनी वाटिका में करीब एक साल पहले कचरा प्रबंधन के लिए बनाए गए आठ छोटे कूप उपयोगी साबित होने वाले हैं। अब उनके परीक्षण का टाइम आ गया है। अगर यह कार्ययोजना के अनुरूप सफल हुए तो कचरे को आसानी से निस्तारित किया जा सकेगा। साथ ही प्रोजेक्ट की सफलता पर इसका विस्तार भी किया जा सकता है।
इन कूपों को निर्माण की कार्ययोजना नगर पालिका परिषद में सफाई निरीक्षक जागेंद्र सिंह ने बनाई थी। जो अब सफल होते दिख रही है। इससे वह उत्साहित हैं। उनका कहना है अगर उचित प्रबंधन हो तो कचरा भी बड़े काम साबित हो सकता है। बस इसके लिए एक अच्छी प्लानिग, टीम वर्क, ²ढ़ इच्छा शक्ति व मेहनत की जरूरत होती है। इस काम में मेरे सफाईकर्मियों का अहम योगदान है।
सरोजनी वाटिका में कूड़ा निस्तारण के लिए बनवाए थे गड्ढे
सफाई निरीक्षक जागेंद्र सिंह का कहना है कि करीब एक साल पहले सरोजनी वाटिका में आठ गड्ढे बनवाए थे। इनका आकार तीन मीटर लंबाई, डेढ़ मीटर चौड़ाई व दो फीट गहराई है। इन गड्ढों में शहरी कूड़े व पार्क से निकली घास, फूल, पत्ती को डलवाना शुरू कराया था। यह कूड़ा अब खाद का रूप लेने वाला है।
इस तरह किया गया काम
शहर के घरों, गली, मुहल्लों से प्रतिदिन सफाई कर्मचारी कूड़ा इकट्ठा करते हैं। इस कूड़े को एकत्र करके उसकी छंटाई की जाती है। जिसमें गीला व सूखा कूड़ा अलग किया जाता है। इसके अलावा सरोजनी वाटिका में सफाई के दौरान निकली पत्तियों, फूलों, कटाई में निकली घास व गीले कूड़े को इन गड्ढों में डाल दिया जाता है। इसमें गोबर भी मिलाया जाता है। इससे यह कूड़ा खाद के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
नए गड्ढों का भी करा रहे निर्माण
जागेंद्र सिंह का कहना है कि पुराने गड्ढों को बरसात के बाद साफ कराया जाएगा। साथ ही नए गड्ढे भी बनवाए जा रहे हैं। अब इनमें कूड़ा डाला जाएगा। जब तक नए भरेंगे तब तक पुराने गड्ढे साफ करा दिए जाएंगे। जिससे उसमें पुन: कूड़ा डाला कर उपयोगी बनाया जा सके।
40 घरों में रखवाए डस्टबिन
जागेंद्र सिंह ने कचरा प्रबंधन के लिए जनसहभागिता के लिए शहर के 40 लोगों को दो दो डस्टबिन वितरित किए थे। जिसमें घरों से निकलने वाले गीले कूड़े को रखकर उपयोगी बनाने को कहा था। जिसे लोग गमलों, घर के लॉन में खाद के रूप में प्रयोग कर रहे हैं।