जाति-निवास और चरित्र प्रमाणपत्र में उलझे उम्मीदवार
चरित्र प्रमाण पत्र के आनलाइन आवेदन में छूट रहे पसीने
सीतापुर : नामांकन पत्र के प्रपत्र तैयार करने में उम्मीदवार उलझ गए हैं। जाति व निवास के लिए जनसुविधा से लेकर तहसील तक दौड़ और जाति प्रमाण पत्र के लिए लोकवाणी या साइबर कैफे के चक्कर लगा रहे हैं। चरित्र प्रमाण पत्र आनलाइन कराने में पसीने छूट रहे हैं। साइबर कैफे व कंप्यूटर सेंटर संचालक वेबसाइट न चलने की बात कहते हैं और रात के समय आवेदन आनलाइन करने के नाम पर मनमाना शुल्क ले रहे हैं। तहसीलों में भी उम्मीदवारों की भीड़ जुट रही है। नामांकन के साथ लगने वाले शपथ पत्र बनवाया जा रहा है।
केस- एक
गांव बसेती से बीडीसी का नामांकन करने वाले उम्मीदवार ने एक अप्रैल को जाति व निवास के लिए जनसुविधा केंद्र में आवेदन जमा किया था। प्रमाण पत्र जल्दी मिल जाए, इसके लिए संबंधित लेखपाल से संपर्क किया। नौ दिन बाद उनका जाति व निवास प्रमाण पत्र मिला। उम्मीदवार ने बताया कि, अब चरित्र प्रमाण पत्र के लिए कहीं से आवेदन कराएंगे। नामांकन के साथ चरित्र लगेगा या नहीं, यह जानकारी उनको नहीं थी।
केस- दो
वार्ड संख्या-58 पहला से जिला पंचायत पद का नामांकन पत्र लेने आए दावेदार के समर्थक ने बताया कि, उनकी बहू नामांकन करेगी। जाति व निवास प्रमाण पत्र सात दिन में बना। उनका कहना था कि, कुछ लोग कह रहे हैं चरित्र प्रमाण पत्र भी बनेगा। किसी जानकार से जानकारी जुटाकर चरित्र के आनलाइन कराएंगे। अन्य सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। बैंक में चालान भी समय से पहले जमा कर देंगे।
केस-तीन
सदर तहसील परिसर में कई स्थानों पर दावेदार शपथपत्र बनवाने की कोशिश कर रहे थे। नेवादा-धरनाग से चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवार ने बताया कि, शपथ पत्र भी समय से बनवा कर रख लें। नामांकन के समय किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सभी तैयारियां पूरी जा रही हैं। सभी प्रपत्र बनवा लिए हैं।
केस-चार
मिश्रिख इलाके के जिला पंचायत वार्ड-40 से दावेदारी करने वाले उम्मीदवार ने नामांकन पत्र खरीदा और चालान शुल्क जमा करने की जानकारी जुटाई। बैंक में ही चालान जमा होने की बात सुनकर कहा कि, सीधे रसीद काट देते तो ज्यादा अच्छा था।