मुख्य आरोपितों को अभी नहीं पकड़ पाई अटरिया पुलिस
सिधौली व अटरिया थाने की पुलिस टीमों को घटना के तीसरे दिन भी सफलता नहीं
सीतापुर: शंकरपुर कलवारी में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमले में पुलिस मुख्य आरोपित पिता-पुत्र को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हालांकि, इस मामले में आठ आरोपितों को जेल भेज दिया है। थानाध्यक्ष अवधेश यादव ने बताया, फरार आरोपितों की गिरफ्तारी को पुलिस की दो टीमें गठित हैं। ये टीमें लगातार संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
उधर, इस मामले में एसपी आरपी सिंह का कहना है कि पूर्व के मुकदमे में पुलिस टीम आरोपितों को गिरफ्तार करने शंकरपुर कलवारी गई थी। यहां अभियुक्त पिता-पुत्र में पुलिस ने निर्मल मिश्र के बेटे विपिन मिश्र को दबोच भी लिया था, पर इसके घर-परिवार के लोगों ने पुलिस पर ईट-पत्थर, डंडा-लाठी से जानलेवा हमला कर दिया था। इन हमलावरों में महिलाओं की संख्या अधिक थी। इसलिए पुलिस महिला सम्मान को बरकरार रखते हुए प्रतिक्रिया नहीं दी और बचाव करते हुए मौके से हटी। इस बीच अभियुक्त विपिन मिश्र मौका पाकर पुलिस की गिरफ्त से भाग निकला था।
डकैत हैं मारो, कोई बचके न जा पाए..
अभियुक्त निर्मल मिश्र के परिवार की तरफ से हुए हमले का शिकार हुई पुलिस टीम में शामिल एसएसआइ दीपक पांडेय ने घटना के दूसरे दिन थाने में 10 अभियुक्तों के विरुद्ध नामजद मुकदमा लिखाया था। इसमें बौनाभारी का देवानंद मिश्र भी नामजद है। साथ ही 15-20 अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा है। तहरीर के मुताबिक, जब पुलिस शंकरपुर कलवारी में दबिश देने गई तो अभियुक्त विपिन मिश्र के घर उसका दोस्त देवानंद मिश्र भी मौजूद था। पुलिस को देखते ही विपिन व देवानंद छत पर चढ़कर 'डकैत हैं.डकैत हैं, मारो कोई बचके न भाग पाए' कहते हुए शोर मचाने लगे। इसी बीच पुलिस ने विपिन को पकड़ भी लिया था, पर पथराव के कारण कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
दबिश देने का यह था मूल कारण:
बौनाभारी के अंजनी मिश्र ने 17 मई को जानलेवा हमले के आरोप में अपने गांव के देवानंद मिश्र, शंकरपुर कलवारी के निर्मल मिश्र व उसके बेटे विपिन मिश्र के विरुद्ध मुकदमा लिखाया था। मुकदमा लिखे जाने की रात में ही एसएसआइ दीपक पांडेय पुलिस टीम के साथ पहले बौनाभारी में अभियुक्त देवानंद मिश्र को गिरफ्तार करने गए थे, वह नहीं मिला तो दूसरे अभियुक्त निर्मल मिश्र व उसके बेटे विपिन मिश्र को पकड़ने शंकरपुर कलवारी गई थी।