सीताराम के जयकारों से गूंज उठा कोल्हुवा बरेठी
84 द्मश्रह्यद्धद्ब श्चह्मद्बद्मह्मद्वड्ड84 द्मश्रह्यद्धद्ब श्चह्मद्बद्मह्मद्वड्ड84 द्मश्रह्यद्धद्ब श्चह्मद्बद्मह्मद्वड्ड
मिश्रिख (सीतापुर) : 84 कोसी परिक्रमा यात्रा का रामादल बुधवार की सुबह भजन-कीर्तन करते हुए, सीताराम के जयकारों के साथ दसवें पड़ाव कोल्हुवा बरेठी पहुंचा। आठवें पड़ाव जरिगवां से श्रद्धालु नवें पड़ाव नैमिषारण्य मंगलवार की सुबह से पहुंचने लगे थे। नैमिषारण्य में रात्रि विश्राम के बाद श्रद्धालुओं ने सुबह दसवें पड़ाव के लिए प्रस्थान किया। भजन कीर्तन करते हुए श्रद्धालु जयकारे लगा रहे थे। कोई दंडवत करते चल रहा था तो कोई पैदल राम नाम की धुन में मगन था। परिक्रमा मार्ग पूरी तरह श्रद्धालुओं से भरा दिखा। साधु, संतों की टोलियां जयकारे लगाते चल रहीं थीं। ग्रहस्थ भी भजन व गीत गाते हुए चल रहे थे। साधु संतों में कोई हाथी तो कोई घोड़े व पालकी पर सवार था। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल चल रहे थे। परिक्रमा का वातावरण आध्यात्म से सराबोर दिखा। इस दौरान श्रद्धालु रास्ते के तीर्थ व्यास गद्दी, मनु सतरूपा तपस्थान, ब्रम्हावर्त, दशाश्वमेघ घाट, पंच पांडव, यज्ञ वाराह कूप, पुराण मंदिर, गंगोत्री, लक्ष्मी नारायण, नर सिंह, कुरुक्षेत्र, हंस हंसिनी, पुष्कर तीर्थ, ललिता देवी मंदिर, चक्र तीर्थ, काशी कुंड, गऊ घाट, हनुमान गढ़ी, देवपुरी, काली पीठ, बाला जी मंदिर, सत्य नारायण मंदिर, पहला आश्रम, नारदानंद आश्रम, त्रिशक्ति धाम, देवदेवेश्वर, रामेश्वर मंदिर, रुद्रावर्त, चित्रकूट आदि के दर्शन करते हुए दसवें पड़ाव पर डेरा जमाया। जगह-जगह व आश्रमों में भंडारों के आयोजन हुए। जहां साधु, संतों व परिक्रमार्थियों को भोजन कराया गया।
बड़ी संख्या में लोगों ने रास्ते में चाय, हलुवा, पूड़ी सब्जी का वितरण किया। परिक्रमा यात्रा में देश के विभिन्न प्रांतों समेत नेपाल तक के श्रद्धालु शामिल हैं। परिक्रमार्थी गुरुवार को ग्यारहवें पड़ाव मिश्रिख पहुंचेंगे। मिश्रिख नगर की पंच कोसी परिक्रमा कर श्रद्धालु अपने-अपने घरों को रवाना होंगे।