देवगवां में मिलती है शांति
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सीतापुर : हरदोई जिले में स्थित पांचवें पड़ाव साखिन गोपालपुर से परिक्रमार्थी छठे पड़ाव पिसावां ब्लॉक क्षेत्र के देवगवां पहुंचते हैं। यहां 29 फरवरी की भोर परिक्रमार्थियों का जमावड़ा लगेगा। साखिन गोपालपुर से देवगवां के रास्ते में ढफरापुर, बौठा, सिहौना, पिपरी, दधनामऊ, तौकलपुर, रामनगर गांव पड़ते हैं। तौलकपुर से चार किमी दूर गोमती नदी के द्रोणाचार्य घाट पहुंचते हैं। देवगवां के सुधाकर, बताते हैं कि उनके गांव को देवताओं के नाम से जाना जाता है। गांव के चारों ओर देवी-देवताओं के पौराणिक स्थल हैं। यहां गांव में तमाम भिन्नताओं के बाद भी सदैव शांति प्रतीत होती है। कुतुबनगर मार्ग पर है देवगवां
कुतुबनगर से पिसावां मार्ग पर स्थित देवगवां गांव है। परिक्रमार्थियों का मेला हुसैनपुर और देवगवां के बीच में लगता है। देवगवां गांव के हनुमान मंदिर के पुजारी विजय दास के मुताबिक, महर्षि दधीचि इसी मंदिर स्थल पर आकर ठहरे थे। देव प्रयागराज कुंड में स्नान कर महावीर हनुमान दी की पूजा-अर्चना की थी। ये हैं दर्शनीय स्थल
गोमती नदी के द्रोणाचार्य घाट के समीप बूढ़नपुर गांव के आसपास श्रंगी ऋषि आश्रम, अन्नापूर्णा माता है। रामनगर में भागीरथ कुंड है। इसी कुंड पर भागीरथ व मगरमच्छ पर सवार मां गंगा की मूर्ति है। देवगवां गांव में हनुमान मंदिर, गुलवरी बाबा, माधव बल बाबा, काशीनाथ बाबा, प्राचीन कच्चा चक्रतीर्थ व देव प्रयाग कुंड हैं।