आजादी के बाद 60 वर्षों तक मछरेहटा विस क्षेत्र से बने 13 विधायक
60 वर्षों तक अस्तित्व में रही मछरेहटा सीट 48384 वोट पाने वाले एक मात्र विधायक रहे रामकृष्ण 04 बार विधायक मछरेहटा सीट से रहे वीरेंद्र कुमार चौधरी।
विधान सभा क्षेत्र : मछरेहटा
1962 के प्रथम चुनाव में कांग्रेस नेता डल्ला राम बने थे विधायक जवाहर लाल को 2,230 मतों के अंतर से हराया था
संसू, सीतापुर : आजादी के बाद 60 वर्षों तक मछरेहटा विस क्षेत्र से 13 विधायक बने। खास ये रहा है कि मछरेहटा सीट पर महिला को नेतृत्व करने का मौका कभी नहीं मिला। 2007 के चुनाव के बाद मछरेहटा के नाम से पहचान रखने वाली विधान सभा सीट मिश्रिख में समाहित हो गई। मछरेहटा की सीट 60 वर्षों तक अस्तित्व में रही। इसने 13 विधायक दिए। मछरेहटा विधान सभा सीट के प्रथम विधायक डल्ला राम बने थे। डल्ला राम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जवाहर लाल को 2,230 मतों के अंतर से हराया था। मछरेहटा के प्रथम विधायक रहे कांग्रेस नेता डल्ला राम को कुल 9,764 वोट मिले थे। वैसे 13 चुनावों में सबसे अधिक मत पाने वाले विधायक के नाम लें तो रामकृष्ण भार्गव हैं। भार्गव मछरेहटा विधान सभा सीट के चुनाव-2002 में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था और इन्हें अन्य पूर्व के विधायकों में सबसे अधिक 48,384 वोट प्राप्त किए थे। भार्गव लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार रहे रामपाल राजवंशी को 23,560 मतों से पीछे कर विधान सभा पहुंचे थे। रामकृष्ण भार्गव 1985 के चुनाव में सबसे कम 615 मतों के अंतर से कांग्रेस के उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार चौधरी को हराकर पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे। तीन जन प्रतिनिधि सबसे अधिक जीते चुनाव
जब तक मछरेहटा विधान सभा सीट अपने अस्तित्व में रही, उस बीच के कुल 13 चुनावों में कांग्रेस ने सात चुनाव लड़े। इसमें पांच चुनाव में उसे विजय मिली। कांग्रेस के विधायकों में डल्ला राम, वीरेंद्र कुमार चौधरी और रामकृष्ण भार्गव रहे हैं। मछरेहटा से सबसे अधिक चार बार विधायक रहे वीरेंद्र
कुल 13 चुनावों में सबसे अधिक नौ चुनाव वीरेंद्र कुमार चौधरी, रामकृष्ण भार्गव और रामपाल राजवंशी ने जीते हैं। इसमें चार विधान सभा चुनाव वीरेंद्र कुमार चौधरी जीते और वह विधायक बने। रामकृष्ण भार्गव ने तीन और रामपाल राजवंशी ने दो चुनाव जीते हैं। मछरेहटा विधान सभा क्षेत्र से रहे विजेता
चुनाव वर्ष - विजेता - प्राप्त मत
1962 - डल्ला राम - 9,764
1967 - जे. लाल - 12,945
1969 - वीरेंद्र कुमार चौधरी - 18,029
1974 - वीरेंद्र कुमार चौधरी - 20,488
1977- लाल दास - 23,957
1980 - वीरेंद्र कुमार चौधरी - 27,588
1985 - रामकृष्ण भार्गव - 24,925
1989 - वीरेंद्र कुमार चौधरी - 31,937
1991 - रामकृष्ण भार्गव - 24,406
1993 - बाल गोविद राजवंशी - 30,724
1996 - रामपाल राजवंशी - 48,280
2002 - रामकृष्ण भार्गव - 48,384
2007 - रामपाल राजवंशी - 42,803