फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी की जांच शुरू
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विजय प्रताप यादव ने बताया कि प्रार्थनापत्र मिला है जांच की जा रही है।
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर : फर्जी अंक पत्रों व प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी प्राप्त करने का खेल सिर्फ परिषदीय स्कूलों में ही नहीं, बल्कि अनुदानित मदरसों में भी बेखौफ चल रहा है। इसकी जांच शुरू हो गई है। मामला मदरसा अरबिया मिफ्ताहुल उलूम, टिकरिया का है। जहां सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त शिक्षक पर फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगा है।
महतिनिया बुजुर्ग निवासी सनोज कुमार ने 16 फरवरी को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी। पूछा था कि मदरसा अरबिया मिफ्ताहुल उलूम, टिकरिया में जिन पांच सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई उनके पास क्या संबंधित विषय में शिक्षण कार्य का अनुभव है। 20 जून 2020 को उन्हें जानकारी दी गई कि शमामा गाजी जिनकी नियुक्ति सहायक अध्यापक आलिया के लिए हुई है उन्होंने अलजामे अतुल अरबिया मजहरूम उलूम औसानकुइयां में वर्ष 2010 से 2013 तक शिक्षण कार्य करने का प्रमाणपत्र लगाया है। शेष अन्य के पदों के लिए अनुभव जरूरी नहीं है। लेकिन उक्त मदरसा प्रबंधक जावेद अहमद ने 31 जुलाई 2020 को लिखित सूचना दी कि उक्त शिक्षक ने कभी उनके मदरसे में शिक्षण कार्य नहीं किया। अब सनोज कुमार ने मिले साक्ष्यों का हवाला देकर शिक्षक पर फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी हथियाने का आरोप लगाते हुए विभाग और डीएम को पत्र भेजा है।