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राप्ती का जलस्तर बढ़ा, तटवर्ती गांवों में दहशत

बारिश के दौरान तहसील क्षेत्र के दक्षिण छोर से बहने वाली राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जलस्तर में वृद्धि की खबर के बाद नदी के तट व बाढ़ के निशाने पर हर बार आने वाले गांवों के लोगों में दशहत बन गई है। खतरे से बेखबर प्रशासन की सुस्ती लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:26 AM (IST)
राप्ती  का जलस्तर बढ़ा, तटवर्ती गांवों में दहशत
राप्ती का जलस्तर बढ़ा, तटवर्ती गांवों में दहशत

सिद्धार्थनगर : बारिश के दौरान तहसील क्षेत्र के दक्षिण छोर से बहने वाली राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जलस्तर में वृद्धि की खबर के बाद नदी के तट व बाढ़ के निशाने पर हर बार आने वाले गांवों के लोगों में दशहत बन गई है। खतरे से बेखबर प्रशासन की सुस्ती लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है। जलस्तर में अगर इसी की वृद्धि बनी रही तो फिर दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। यही नहीं कटान का भी खतरा मंडराने लगा है। गागापुर गांव के पास अगर कटान हुई तो फिर मुख्य मार्ग का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा, दर्जनों विद्युत पोल भी नदी में समां जाएंगे।

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बरसात के आखिरी सत्र में इधर तीन-चार दिन हुई बारिश के बीच नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। पानी बढ़ने के बाद जब घटने की स्थिति आती है तो फिर कटान शुरू हो जाती है। इस बार कटान तेज हुई तो गागापुर व शाहपुर-सिगारजोत मार्ग का अस्तित्व संकट में आ जाएगा। साथ ही बिजौरा, सफीपुर, जूड़ीकुइया, सिगारजोत, सिकंदरपुर, दखिन्हवा, बौनाजोत, बेलवा, बेतनार, विशुनपुर औरंगाबाद, आजाद नगर, मनिकौरा, रोहाव बुजुर्ग समेत दर्जन भर गांव में बाढ़ कहर बरपा सकती है। क्योंकि जब-जब सैलाब ने दस्तक दी, सबसे पहले यही सब गांव इसकी चपेट में आए। किसान तो पूरी तरह चितित नजर आ रहे हैं। खेतों में फसल लहलहा रही है, मगर बाढ़ की स्थिति बनी तो फिर सैकड़ों एकड़ फसलों की बर्बादी तय है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण

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गागापुर निवासी मो. इमरान कहते हैं कि डेढ़ दशक पूर्व राप्ती नदी यहां से कोसों दूर थी, पड़ोसी जनपद बलरामपुर के सुरहिया देउर में थी, जिम्मेदारों की उदासीनता का नतीजा है कटान होते-होते नदी गागापुर तक पहुंच गई, मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

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आशुतोष मिश्रा ने कहा कि उनका घर नदी के तट पर ही है, जलस्तर बढ़ने से परिवार सहित अगल-बगल के लोगों में दहशत बन जाती है। रतजगा करना पड़ता है कि बाढ़ कहीं रात में ही न तबाही मचा दे।

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सिगारजोत निवासी अजय यादव ने कहा कि उनके यहां विधायक डा. सतीश द्विवेदी के प्रयास से नदी के किनारे बोल्ड्रिंग का कार्य कराया गया, जिससे कुछ राहत है, मगर बाढ़ ने दस्तक दी तो फिर परेशानी तो झेलनी ही पड़ेगी।

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एसडीएम ने कहा

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एसडीएम त्रिभुवन का कहना है कि प्रशासन पल-पल की स्थिति पर नजर रखे हुए है। जलस्तर बढ़ने के साथ बाढ़ चौकियों को एलर्ट कर दिया गया है। पड़ोसी जनपद बलरामपुर भी बराबर सम्पर्क में है। हालात से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सजग व सतर्क है।


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