राप्ती के जलस्तर में बढ़त, लोगों की उड़ी नींद
पश्चिमी नेपाल में पहाड़ों पर तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते तहसील क्षेत्र के दक्षिणी छोर पर बह रही राप्ती का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। पड़ोसी जनपद बलरामपुर व श्रावस्ती में राप्ती उफान पर है। जिसके चलते पड़ोसी जनपद के तमाम गांव बाढ़ की चपेट में आ गए
सिद्धार्थनगर : पश्चिमी नेपाल में पहाड़ों पर तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते तहसील क्षेत्र के दक्षिणी छोर पर बह रही राप्ती का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है। पड़ोसी जनपद बलरामपुर व श्रावस्ती में राप्ती उफान पर है। जिसके चलते पड़ोसी जनपद के तमाम गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पड़ोसी जनपद में राप्ती का जलस्तर उफान पर होने से यहां प्रशासन सतर्क हो गया है। राप्ती किनारे स्थापित की गई 23 बाढ़ चौकियों को हर हालात से निपटने के लिए अलर्ट पर रहने को कहा गया है। तेजी से बढ़ रही राप्ती व बाढ़ आने की प्रबल संभावना से तटवर्ती गांव के लोगों मे भय व्याप्त हो गया है। लोगों का कहना है कि यदि अब बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई तो भारी पैमाने पर तबाही मचेगी। सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को होगा जिनकी फसल सूखे की मार से किसी तरह बच पाई थी, अब बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरह से नष्ट होने की संभावना बढ़ जाएगी। जिससे इनको अपनी खून-पसीने की कमाई अब बाढ़ आने की संभावनाओं के साथ डूबती नजर आ रही है। साथ ही जिनके घर राप्ती के तट पर बने हुए है उनमें भी भय का माहौल व्याप्त हो गया है। राकेश गुप्ता व बैजनाथ गुप्ता का कहना है कि कटान के चलते हमारा घर राप्ती के तट पर ही मौजूद है।यदि राप्ती यूृं ही बढ़ती रही तो इस बार कटान के साथ घर भी ले डूबेगी।खन्ता निवासी दाऊद व रमजान का कहना है कि अभी माह भर पूर्व आई बाढ़ का पानी हमारे घरों में घुस गया था,साथ ही फसलों को भी काफी नुकसान हुआ था। एक बार फिर से राप्ती नदी के बढ़ाव की खबर से पूरा गांव चिता में है कि अब क्या होगा। फसलों के साथ साथ कटान के रूप में भारी नुकसान उठाना मजबूरी हो जाएगी।एसडीएम इटवा त्रिभुवन ने कहा कि राप्ती का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पड़ोसी जिले के संपर्क में हम हैं।सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है।