लाल निशान के पार बूढ़ी राप्ती, दहशत
रुक-रुक कर हो रही मानसून की बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी वहीं नदियों के बढ़ते जलस्तर ने तटबंध पर बसे ग्रामीणों के रातों की नींद गायब हो गई है। रविवार दिन में बारिश थम गई लेकिन नेपाल के पहाड़ों से आए पानी से तराई क्षेत्र के नदी व नालों का जलस्तर बढ़ाव पर आ गया
सिद्धार्थनगर : रुक-रुक कर हो रही मानसून की बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी, वहीं नदियों के बढ़ते जलस्तर ने तटबंध पर बसे ग्रामीणों के रातों की नींद गायब हो गई है। रविवार दिन में बारिश थम गई, लेकिन नेपाल के पहाड़ों से आए पानी से तराई क्षेत्र के नदी व नालों का जलस्तर बढ़ाव पर आ गया है। बूढ़ी राप्ती लाल निशान पार कर गई है। राप्ती धीमी गति से बढ़ रही है। घोघी नदी भी तेजी से बढ़ रही है। बानगंगा के जलस्तर में कमी आया तो कूड़ा नदी में भी पहाड़ का पानी आ गया।
पहाड़ पर हुए बारिश का असर तराई के नदी-नालों में दिखने लगा है। बाढ़ कंट्रोल रूम के मुताबिक 16 घंटे में बूढ़ी राप्ती नदी के जलस्तर में 2.260 मीटर बढ़ोत्तरी हुई है। घोघी नदी भी 2.300 मीटर बढ़ी है। राप्ती मध्यम गति से बढ़ रही है। इस दौरान 90 सेमी पानी बढ़ा है। कूड़ा नदी भी करीब डेढ़ मीटर बढ़ी है। तेलार नाला में भी पानी आने लगा है।
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नदियों का जलस्तर
नदी जलस्तर (रविवार सुबह आठ बजे) जलस्तर (शनिवार शाम चार बजे) रुझान खतरे का निशान
बानगंगा बैराज (उच्च धारा) 91.500 93.300 घटाव 93.420 मीटर
बानगंगा बैराज (निम्न धारा) 91.400 93.200 घटाव 93.420 मीटर
राप्ती बांसी पुल 83.700 83.610 बढ़ाव 84.900 मीटर
बूढ़ी राप्ती ककरही पुल 85.900 83.640 बढ़ाव 85.650 मीटर
घोघी नदी लोटन पुल 86.400 84.100 बढ़ाव 87.000 मीटर
कूड़ा नदी आलमनगर 85.600 84.800 बढ़ाव 87.200 मीटर
कूड़ा नदी रेलवे पुल 81440 80.050 बढ़ाव 83.520 मीटर
जमुआर नाला नौगढ़ पुल 81.230 81.230 स्थिर 84.890 मीटर
तेलार नाला सड्डा घाट 83.900 83.400 बढ़ाव 87.500 मीटर
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बूढ़ी राप्ती खतरे का निशान कर गई है। राप्ती, घोघी, कूड़ा नदी के साथ तेलार नाला भी बढ़ाव पर है। जमुआर नाला स्थिर है। बानगंगा बैराज पर पानी घटाव पर है। नदियों के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। नेपाल प्रशासन से संपर्क किया गया है।
आरके नेहरा
अधिशासी अभियंता, ड्रेनेज खंड
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राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा, पानी में डूबे संपर्क मार्ग
फोटो 14 एसडीआर 165, 166
जागरण संवाददाता, भवानीगंज, डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर : राप्ती का जलस्तर बढ़ाव पर है। करीब एक दर्जन गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।कई गांवों का संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है।
तहसील क्षेत्र के वीरपुर-ऐहतमाली व वीरपुर-कोहल गांव के मुख्य संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी आ गया है। करीब दो फुट पानी सड़क पर बह रहा है। गांव में पहुंचने के लिए पानी में घुस कर जाना पड़ रहा है। ग्राम डिवलीडीहा गांव के अस्थाई गोशाला में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। गोशाला में रखे गए पांच पशुओं को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया। सिसई, बामदेई, गोपिया, राउतडीला, बेंव, असनहरा गांव की सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है।
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खेतों के साथ गांव भी निगलने को आतुर राप्ती नदी
फोटो 14 एसडीआर 151, 152, 153, 154, 155, 156, 157, 158
जागरण संवाददाता, औराताल, डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर : जलस्तर पर बढ़ाव के साथ ही राप्ती रौद्र रूप धारण करने लगी है। तटवर्ती क्षेत्र पर बसे गांवों के लोगों के रातों की नींद उड़ गई है। ग्राम सीरमझारी के सीवान में राप्ती तेजी से कटान कर रही है। आधा दर्जन किसानों के खेत नदी में समां गए हैं। ग्राम बनगाई नानकार पर भी खतरा मंडराने लगा है। ग्राम सीरमझारी निवासी सूरज, मीरा देवी का करीब एक बीघा गन्ना नदी में विलीन हो गया है। रसूलपुर निवासी बंदे हसन, अशफाकुल्लाह, परवेज, रूस्तम आदि का पांच बीघा खेत नदी में समा गया है। यहां नदी सौ मीटर की लंबाई में कटान कर रही है। रमेश चंद्र ने कहा कि इधर स्थिति विकट बनती जा रही है, परंतु कोई खबर नहीं ले रहा है। रामप्यारे, विकास पांडेय, हदयराम कन्नौजिया कहते हैं कि गांव के पास नदी में ठोकर बनाया जाता तो कुछ सुरक्षा मिलती, अब तो गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। तहसीलदार डुमरियागंज शिवमूर्ति सिंह ने बताया कि कटान की जानकारी मिली है। सिचाई विभाग के लोगों को सूचना देने के साथ सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाने हेतु निर्देशित किया गया। प्रशासन स्थिति नजर रखे है।