खतरे के निशान से ऊपर राप्ती का जलस्तर
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से पहाड़ी नाले उफान पर हैं। राप्ती नदी खतरे के निशान 103.620 से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बाढ़ के चलते दतरंगवा डिप पर पानी आ जाने से गौरा मार्ग बंद हो गया है। निजी नाव लगाकर लोगों के आवागमन की व्यवस्था की गई
सिद्धार्थनगर: लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से पहाड़ी नाले उफान पर हैं। राप्ती नदी खतरे के निशान 103.620 से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। बाढ़ के चलते दतरंगवा डिप पर पानी आ जाने से गौरा मार्ग बंद हो गया है। निजी नाव लगाकर लोगों के आवागमन की व्यवस्था की गई है। पहाड़ी नाले में आई बाढ़ से पड़ोसी जिले के 25 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग तुलसीपुर-बलरामपुर पर भी घुटनों तक पानी भरा होने से आवागमन प्रभावित है। इस गंभीर हालात से राप्ती तट पर बसे गांव के लोग दहशत में हैं। राप्ती का बढ़ता जलस्तर तेजी से कटान कर रहा है जिससे लोगों के होश फाख्ता हैं। परसोहन, जूड़ीकुइयां, विशुनपुर, औरंगाबाद, खौता, बेतनार, गागापुर, सिगारजोत सहित अन्य गांव के लोगों ने बताया कि इस बार जलस्तर बढ़ने से कटान तेज हो रहा है। कौन सा गांव राप्ती की भेंट चढ़ जाएगा कहा नहीं जा सकता। - नाव का सहारा-
पड़ोसी जिले बलरामपुर के तुलसीपुर-गौरा मार्ग स्थित दतरंगा डीप पर करीब चार फीट पानी बह रहा है। जिससे क्षेत्र के थरुवा, थरुनिया, बगनहा, चायडीह, पोखरा, अंबरनगर, चौखड़ा, नेवरी, सिघवापुर, भुसैलवा, जंबूदीप, हरहटा, खरहना, दतरंगवा समेत कई गांव जो तहसीलक्षेत्र के सटे हैं।वहां के लोगों का आवागमन प्रभावित है। डिप पार करने के लिए कैलाशगढ़ ग्राम पंचायत से नाव मंगाई गई है। साथ ही दो ट्रैक्टर-ट्राली लगाई गई है।
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बाढ़ चौकियां अलर्ट:
तहसीलदार राजेश अग्रवाल ने बताया कि पड़ोसी जनपद में राप्ती बेकाबू हुई है। तहसीलक्षेत्र में अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है। जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है। बाढ़ चौकियां अलर्ट हैं।