नहर में अब तक नहीं पहुंचा पानी, किसान चितित
डीजल मद में खर्च करनी पड़ रही भारी रकम
सिद्धार्थनगर: तहसील क्षेत्र में गेहूं की खेती सर्वाधिक होती है। बोआई हो चुकी गेहूं की फसल को सिचाई की दरकार है। बावजूद इसके जिम्मेदार नहरों में पानी ही नहीं पहुंचा पाए। सोहना शाखा माइनर में अब तक पानी का न आने से किसान चितित हो गए हैं। किसानों को फसल बचाने के लिए खेत की सिचाई के लिए पंपिग सेट आदि निजी साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। साधन विहीन किसान अपनी खेत की सिचाई करने के लिए नहरों की तरफ टकटकी लगाये हुए है। रोहनीभारी, रोहाव बुजुर्ग, गागापुर, मनिकौरा, गुलरिहा, शीतलभीटा, बिजौरा, बेलवा, जूड़ीकुइया, मोहम्मदपुर, बौनाजोत आदि गांव में पानी अभी तक न आने से क्षेत्र के किसानों की चिता बढ़ती जा रही है। इनका कहना है कि यदि नहर में पानी नहीं आया तो पंपिग सेट से खेतों की सिचाई करनी पड़ेगी। जिससे लागत काफी बढ़ जाएगा। हजारों रुपये का डीजल मद में खर्च करना पड़ेगा। किसानों को गन्ना आदि की सिचाई पर प्रति एकड़ 500 से लेकर 600 रुपये डीजल पर खर्च करना पड़ रहा है। जिससे किसानों की आर्थिक हालत पतली हो रही है। साधन विहीन किसान इस महंगाई की मार झेल रहे हैं। 150 से लेकर 175 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से खर्च कर सिचाई कराने के लिए मजबूर हैं। श्रीनिवास तिवारी, राकेश, अकबर, निब्बर आदि ने जल्द से जल्द नहर में पानी छोड़े जाने की मांग की है। कुछ जगहों पर अभी सिल्ट सफाई का काम चल रहा है। नहरों में पानी छोड़ने का रोस्टर निर्धारित है। उसी के अनुसार 14 दिसंबर से पानी छोड़ा जाएगा।
संतोष कुमार, अधिशासी अभियंता,सरयू नहर, बलरामपुर