मौसम के मिजाज से सब्जी उत्पादक परेशान
सप्ताह भर से बिगड़े मौसम ने सब्जी उत्पादक किसानों के माथे पर परेशानी की लकीरें खींच दी हैं।
सिद्धार्थनगर : सप्ताह भर से बिगड़े मौसम ने सब्जी उत्पादक किसानों के माथे पर परेशानी की लकीरें खींच दी हैं। रुक-रुक कर हो रही बारिश जहां गेहूं के लिए फायदेमंद मानी जा रही है वहीं सब्जी की खेती के लिए नुकसानदेह है। आलू, गोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली के खेतों में जगह-जगह पानी भरने के चलते इनके सड़ने का खतरा बढ़ गया है। किसान धूप खिलने की बाट जोह रहे हैं जिससे सब्जी की खेती को नुकसान से बचाया जा सके।
बाजार में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसका कारण यह है कि अब तक न तो स्थानीय स्तर पर आलू की फसल तैयार हुई है और न अन्य सब्जियां तैयार हुई हैं। सब्जियों के तैयार होने में सिर्फ पखवारे भर का समय और लगना था, लेकिन अचानक शुरू हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। तहसील क्षेत्र में राप्ती के तटीय गांवो और भनवापुर क्षेत्र के दो दर्जन गांव के किसान नकदी फसल के रूप में सब्जी की खेती करते हैं। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता है। किसान नरेश चौधरी कहते हैं कि आलू के खेत मे जगह- जगह जलजमाव हो गया है, जिससे डर है कि आलू की फसल खेतों में ही न सड़ने लगे। गोविद पटखौली में गोभी की खेती करते हैं। पौधों में फूल आ गए हैं, लेकिन धूप न निकलने व पानी के कारण समस्या बनी हुई है।
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के विज्ञानी डॉ मारकंडेय सिंह ने कहा कि ऐसे मौसम में सब्जी के फसल की विशेष रूप से देखभाल करें। खेत में अगर पानी जमा है तो उसे निकालने का प्रबंध करें। तभी सब्जी की फसल को बचाया जा सकता है।