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जमानत पर रिहा सजायाफ्ता नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

पंचायत चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को आयोग की ओर दिए गए शपथ पत्र को भरना होगा। इसमें बताना होगा कि वह किसी आरोप में आरोपित नहीं है। यह भी कहना होगा कि किसी भी अदालत में किसी आपराधिक मामले में दोष सिद्ध नहीं पाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 11:44 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 11:44 PM (IST)
जमानत पर रिहा सजायाफ्ता नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
जमानत पर रिहा सजायाफ्ता नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

सिद्धार्थनगर : पंचायत चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों को आयोग की ओर दिए गए शपथ पत्र को भरना होगा। इसमें बताना होगा कि वह किसी आरोप में आरोपित नहीं है। यह भी कहना होगा कि किसी भी अदालत में किसी आपराधिक मामले में दोष सिद्ध नहीं पाया गया है। जमानत पर रिहा निचली अदालत के सजायाफ्ता पर भी यह नियम लागू होता है।

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राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अर्हता जारी की है। कई बिदुओं को उल्लेखित किया है। उसका मानना है कि पंचायत व नगर पालिका के चुनाव में समाज विरोधी तत्वों के प्रभाव से परिस्थितियां प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। अवैधानिक क्रिया कलाप से मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी अदालत में दोषसिद्ध पाए गए ऐसे अपराधी, जिन्होंने पारित आदेश के विरुद्ध स्थगनादेश या जमानत प्राप्त है और वह सशर्त रिहाई पर हैं, उसे दोषमुक्त नहीं माना जा सकता। इन परिस्थितियों में उसे चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं मिल सकती है। इसके अलावा एक अन्य आदेश में यह भी कहा है कि जब उसे जमानत पर मुक्त (रिहा) कर दिया गया हो और अपील व निगरानी के अनिर्णीत रहने की अवधि में दंड को स्थगित कर दिया गया हो, ऐसे दोष सिद्ध चुनाव लड़ सकता है।

इस मामले में पुलिस अधीक्षक राम अभिलाष त्रिपाठी ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश का पूरा पालन कराया जाएगा। चुनाव बाद शुरू होगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया सिद्धार्थनगर: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया अब चुनाव बाद पूरी होगी। आचार संहिता लागू होने के कारण प्रक्रिया पर ब्रेक लग गई है। रिक्त पदों की पूरी पत्रावली तैयार न होने का मामला भी आड़े आ रहा रहा है।

शासन ने भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए आनलाइन आवेदन स्वीकार कराने के निर्देश दिए थे। विज्ञापन जारी होने के बाद आवेदन के लिए 21 दिन का समय देने की व्यवस्था बनाई गई थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए 45 दिनों का समय सीमा निर्धारित किया गया था। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डा. सारिका मोहन ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर भर्ती प्रक्रिया चालू कराने के निर्देश दिए थे। अपने 23 मार्च के आदेश में कहा था तीन दिन के अंदर जनपदीय विज्ञापन जारी करते हुए रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई पूरी की जाय। लेकिन विभाग ने पत्रावली समय से पूरा नहीं कर सका, जिसके कारण जिले में प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।

सूत्रों के मुताबिक इस आदेश के बाद प्रदेश के कुछ ही जिले भर्ती प्रक्रिया शुरू कर पाए थे। गोरखपुर-बस्ती मंडल में यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। फिलहाल सिद्धार्थनगर जिले में चुनाव बाद ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। जिले में 448 कार्यकर्ता और 408 सहायिका का पद रिक्त है। यह संख्या-घट बढ़ सकती है। इस मामले में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि संबंधित विभाग कागज और डेटा समय से उपलब्ध नहीं करा सका। इस कारण यह प्रक्रिया चालू नहीं हो पाई है। अब चुनाव बाद भर्ती प्रक्रिया चालू होगी।


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