मासूम को अब भी पापा का इंतजार
सिद्धार्थनगर : इंतजार तो खत्म हो ही गया जब लाश आ गई, थोड़ी सी ना नुकुर के बीच लोगों के समझा
सिद्धार्थनगर : इंतजार तो खत्म हो ही गया जब लाश आ गई, थोड़ी सी ना नुकुर के बीच लोगों के समझाने के बाद पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार भी हो गया। लेकिन अब भी अगर किसी का इंतजार नही खत्म हो पाया है तो वह है मृतक विजय की चार वर्षीय मासूम बेटी प्रीती। प्रतिदिन की भांति आज भी काम से शाम को लौट के पापा के आने का उसे इंतजार है। वह इस उम्मीद में है कि पापा अभी उसके लिये चॉकलेट लाएंगे। लेकिन अंतत: ना तो पापा आए और न ही चॉकलेट मिली।
रविवार की शाम नेपाल पुलिस के हिरासत में मोहाना थाना क्षेत्र के धनगढ़वा निवासी विजय की मृत्यु हो गयी थी। जिसका अंतिम संस्कार मंगलवार को उसके पैतृक गांव में कर दिया गया। उसकी गर्भवती पत्नी के साथ ही उसके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। सबसे ज्यादा तरस आता है उसकी चार साल की मासूम बेटी प्रीती को देखकर। बुधवार की दोपहर अचानक खेलते खेलते प्रीती अपने मां से आकर बोली'मम्मी पापा कब आएंगे, उनसे बोल दीजियेगा कि मेरे लिये चॉकलेट लाना नही भूलेंगे'। इतना सुनना था कि उसकी मां के साथ वहां बैठे लोग अपने आंसू रोक नहीं पाए। उसकी मां चाह कर भी कुछ बोल ना पाई और सिर्फ कांपते होंठ के साथ चुप रह गई। उसने प्रीती को सीने से चिपका लिया और फूट-फूट कर रोने लगी। किसी के समझ मे नही आ रहा था कि उस बेचारी को कैसे समझाएं कि अब उसे पापा की वो चॉकलेट और वो प्यार कभी नसीब नहीं हो पाएगा। जिस घर में कुछ महीनों बाद किलकारी गूंजनी थी वहां अभी से मातम का पहरा हो गया है। उषा के पेट मे पल रहा अभागा मासूम दुनिया के उजाले को देखने से पहले ही अनाथ हो गया। कोख में पल रहे मासूम तथा प्रीती के भविष्य को लेकर हर कोई ¨चतित है। हर जगह इस घटना की चर्चा है।