आवक कम होने से सब्जियों के भाव बढ़े
कोरोना काल में सब्जियों के दाम बढ़ने से आमलोग परेशान हैं। इस पर सरकार ध्यान दे।
जागरण संवाददाता, बेवां, डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर :कोरोना काल में सब्जियों की मंहगाई ने आम लोगों को परेशानी में डाल दिया है। लगातार बारिश और बाढ़ से सब्जी की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। जिसका असर बाजार पर दिख रहा है। ग्रामीण अंचल से सब्जियों की आवक कम होने से मूल्य बेतहाशा बढ़ रहे हैं। पिछले सप्ताह के मुकाबले सर्वाधिक दोगुने से अधिक की बढ़ोत्तरी हरी मिर्च के मूल्य में हुई है, जो इस समय 100 रुपये किलो बिक रही है। तरोई, नेनुआ, भिडी 10 रुपये प्रति किग्रा की बढ़ोत्तरी के साथ 60 रुपये, बोड़ा, करैला, टमाटर 20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोत्तरी के साथ 80 रुपये किलो की दर से फुटकर में बिक रहे हैं। सब्जियों की मंहगाई ने घर में किचन का बजट गड़बड़ कर दिया है। लोगों की मांग है कि सब्जियों के मूल्य नियंत्रित किए जाएं क्योंकि कोरोना के चलते लोगों की आय घट गई है।
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सब्जियों की मंहगाई के चलते हरी सब्जियां आम लोगों के पहुंच से दूर होती जा रही हैं। हरी मिर्च तक सौ रुपये किलो बिक रही है। मूल्य नियंत्रण के उपाय होने चाहिए।
चंपा देवी
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कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते हर घर की आय कम हो गई है। ऐसे में सब्जियों की मंहगाई ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है। सब्जियों के मद में अधिक रुपये खर्च करना पड़ रहा है।
फूलमती
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लॉकडाउन के समय सब्जियों के रेट लोगों के बजट में था, लेकिन अनलाक के बाद रेट में हो रही लगातार बढ़ोत्तरी से लोग मुश्किल में आ गए हैं।
सलमान चौधरी
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लहसुन और हरी मिर्च के रेट में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी हुई है। गरीब चटनी रोटी भी नहीं खा सकते। प्रशासन को मूल्य नियंत्रण के उपाय करने चाहिए। सलमानी