मानस ज्ञान का सरोवर जितना डुबो उतना ही बेहतर
सिद्धार्थनगर : उप नगर नरकटहा स्थित माता शीतला स्थान पर चल रहे श्री राम कथा ज्ञान महायज्ञ के द
सिद्धार्थनगर : उप नगर नरकटहा स्थित माता शीतला स्थान पर चल रहे श्री राम कथा ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन कथा व्यास राम उजागिर दास ने रामचरित मानस पर व्याख्यान दिया। उन्हों ने कहा कि मानस एक तरह से ज्ञान रूपी सरोवर है। इसमें लिखी एक चौपाई ज्ञान की वह सागर हैं जिसमें जितना डूबते जाओगे उतना पाते जाओगे। शाम आठ बजे रात्रि 12 बजे तक चल रही राम कथा को विस्तार देते कथा व्यास ने कहा कि मानस में लिखी हर एक चौपाई में प्रेम, सछ्वाव, संस्कार, कर्म व धर्म के विषय मे इतना बता दिया गया है कि कहीं कोई भ्रम की स्थिति उतपन्न न होने पाए। परिवार, संस्कार व हमारे मूल्य को इसमें बड़े ही सरल ढंग से समझाया गया है। राम चरित मानस वह ग्रन्थ है जो मनुष्य को बेहतर मनुष्य बनने के का मार्गदर्शन देती है। इंसान का जीवन अपने लिए नही बल्कि दूसरे के लिए मिलता है यह बताने का कार्य करती है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम राज परिवार को त्याग कर 14 वर्षों तक वन-वन अपने लिए नही भटके वह ऋषि मुनियों के लिए काल व यातना का सबब बन चुके दैत्यों से उनकी रक्षा व सुरक्षा के लिए वन गमन को सहर्ष स्वीकार किया। यज्ञ आयोजक हरिश्चन्द्र त्रिपाठी सहित छोटू तिवारी, ठाकुर प्रसाद तिवारी, राकेश तिवारी, विनीत कुमार, दिव्य प्रफुल्ल, रामदेव पांडेय, अंश प्रांजल, मनोरमा देवी, शकुंतला देवी, दयाराम, धर्मेंद्र, पुजारी यादव, विशंभर मौर्य आदि लोग मौजूद रहे।