Move to Jagran APP

हर क्षेत्र में है प्रतिभा की अहमियत, घर में भी पढ़ाई की डालें आदत

सफाई करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसे आदत में शुमार करना होगा। मेघालय प्रांत का मावीनाम गांव को देश के सबसे स्वच्छ ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। वहां के ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति अपने दायित्वों का ज्ञान है। नाली में कूड़ा-करकट डालने से वह जाम हो जाती हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 11:26 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 11:26 PM (IST)
हर क्षेत्र में है प्रतिभा की अहमियत, घर में भी पढ़ाई की डालें आदत
हर क्षेत्र में है प्रतिभा की अहमियत, घर में भी पढ़ाई की डालें आदत

सिद्धार्थनगर: स्कूली बच्चों में बौद्विक तार्किक क्षमता विकसित करने के साथ ही उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए दैनिक जागरण निरंतर बाल संवाद कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस कड़ी में सोमवार को सिंहेश्वरी इंटर कालेज तेतरी बाजार एवं सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल करौंदा मसीना के बच्चों ने मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग आइएएस से सवाल पूछे। बच्चे जवाब संतुष्ट नजर आए। बच्चों से भी सीडीओ ने सवाल पूछे।

loksabha election banner

बच्चों के सवालों पर सीडीओ के जवाब सवाल

किसी प्रतियोगिता की तैयारी के समय समाचार पत्रों का क्या योगदान होता है।

यामिनी चौधरी

कक्षा-10, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, करौंदा मसिना जवाब

दैनिक जागरण का संपादकीय नियमित पढ़ें। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में यह सहयोगी है। इससे देश व दुनिया की जानकारी मिलती है। दिमाग को खुला रखें। जो रुचिकर लगे, उसे ही पढ़े। कैरियर बनाने के लिए अब कई रास्ते खुल गए हैं। जिज्ञासा बनाए रखना आवश्यक है। खुद के संबंध में भी जागरूक होना जरूरी है। सवाल

स्वच्छता अभियान चल रहा है, लेकिन धरातल पर क्यों नहीं दिखता।

आयुष पांडेय

कक्षा-9, सिंहेश्वरी इंटर कालेज जवाब

सफाई करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसे आदत में शुमार करना होगा। मेघालय प्रांत का मावीनाम गांव को देश के सबसे स्वच्छ ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। वहां के ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति अपने दायित्वों का ज्ञान है। नाली में कूड़ा-करकट डालने से वह जाम हो जाती हैं। पूरे गांव की व्यवस्था एक सफाई कर्मी के ऊपर होती है। ऐसे में लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। मेरे आवास में निकलने वाले निष्प्रयोजित कूड़ा को कंपोस्ट खाद बनाने के लिए बने गढ्डे में डाला जाता है। इससे वेस्ट कम निकल रहा है। इसके लिए युवा वर्ग को आगे आना होगा। सभी गांवों में स्वच्छता राजदूत बनाए जा रहे हैं।

सवाल

विकास की दौड़ में पर्यावरण को हानि पहुंच रही है। इस नुकसान की भरपाई कैसे पूरी करेंगे।

विश्वास कुमार

कक्षा-10, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल

..

जवाब

व्यापक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अगर एक पेड़ कटता है तो उसकी भरपाई किसी भी स्थान पर 10 नए पौधे लगा कर किया जाता है। वन विभाग को पेड़ काटने के एवज में धनराशि भी दी जाती है। कार्बन फुट प्रिट को संतुलित रखने के लिए यह किया जा रहा है। इसके लिए फुट प्रिट भी तैयार किया जाता है। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी समन्वय स्थापित होगा।

सवाल

प्रदेश वालीबाल टीम की सदस्य हूं। खेल व पढ़ाई के लिए कैसे टाइम मैनेज करें।

अंजनी कुमारी

कक्षा-9, सिंहेश्वरी इंटर कालेज

..

जवाब

पहले तो यह देखें कि किसमें भविष्य बनाना है। अगर खेल जगत में आगे बढ़ना है तो उसमें अपनी रुचि को बढ़ाएं। पढ़ाई भी जीवन में जरूरी है। शिक्षित होने पर ही आगे कामयाबी के रास्ते खुलेंगे। मेहनत से जी नहीं चुराना है, यहीं एक मूलमंत्र हैं।

सवाल

प्रशासनिक अधिकारी के विशेष अधिकार क्या होते हैं। वह लोगों की अपने स्तर से कैसे मदद कर सकते हैं।

तनू राय

कक्षा-10 सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, करौँदा मसिना जवाब

मुख्य विकास अधिकारी के अधीन कई विभाग होते हैं। सभी विभागों में कार्य का बटवारा होता है। सभी को उनके कार्यक्षेत्र से संबंधित अधिकार दिए गए हैं। तहसील स्तर पर एसडीएम को राजस्व व कानून व्यवस्था को कायम रखने की जिम्मेदारी दी गई है। वह पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर कार्रवाई करते हैं। विकास विभाग के पास नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कराने का दायित्व होता है। शौचालय व आवास विहीन पात्रों को योजना का लाभ पहुंचाना प्राथमिकता में है। जिले में करीब चार हजार स्कूल व छह लाख छात्र है। यहां की जनसंख्या 30 लाख के करीब है। इनमें 20 से 25 फीसद युवा है। इन सबके सुविधा का ध्यान रखने की जिम्मेदारी भी विभागों के पास है।

सवाल

आइएएस की ट्रेनिग कैसे और किस तरह होती है।

प्रियंका यादव

कक्षा-9, सिंहेश्वरी इंटर कालेज जवाब

प्रशासनिक सेवा की ट्रेनिग में सभी विषयों की जानकारी दी जाती है। प्राचीन व मध्यकालीन इतिहास, नागरिक शास्त्र के साथ अर्थशास्त्र भी पढ़ाया जाता है। सुबह करीब छह बजे शारीरिक व्यायाम कराया जाता है। इसके बाद पदचालन व पहाड़ पर चढ़ने की भी ट्रेनिग दी गई। घुड़सवारी भी कराई गई। आज भी कई ऐसे प्रदेश हैं, जहां सड़क मार्ग से पहुंचना दुरुह कार्य है। ऐसे में वहां जाने के लिए घोढ़े की सवारी ही एकमात्र साधन है। अधिकारियों को अपडेट रहने के लिए यह ट्रेनिग दी जाती है। सवाल

कभी अगर जिले की टीम के साथ बाहर खेलने के लिए जाती हूं तो वहां स्पोर्टस कालेज व अन्य टीमों को वरीयता दी जाती है। भेदभाव क्यों?

नेमा भारती

कक्षा-9, सिंहेश्वरी इंटर कालेज जवाब

कोरोना संक्रमण काल में खेल प्रतियोगिताएं नहीं आयोजित हो रही है। अब जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन शुरू कराया जाएगा। कोविड-19 के गाइड लाइन का अनुपालन कराया जाएगा। सभी टीम के खिलाड़ी एक समान होते हैं। इनमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। अगर प्रदेश की वालीबाल टीम में स्थान बना लिया है तो पूरे मनोयोग से प्रैक्टिस करें। सवाल

हाईस्कूल कर रहा हूं। लेकिन अभी से चिता है कि इंटर के बाद क्या करना है। कुछ मार्गदर्शन दीजिए।

वैभव गुप्ता

कक्षा-10, सिंहेश्वरी इंटर कालेज जवाब

अब तो कई रास्ते खुल गए हैं। कैरियर काउंसिलिग सेशन चल रहे हैं। इसमें कई विकल्प सामने आते हैं। बैन डायग्राम में तीन गोले होते हैं। यह जहां पर आपस में मिलते हैं, उसके बीच के हिस्सा ही बैन डायग्राम होता है। पहला हिस्सा रुचि, दूसरा काबिलियत व तीसरा पैसा का होता है। यहीं कैरियर को बनाता है। वहीं काम करें, जो मन को अच्छा लगे।

सवाल

सीडीओ व बीडीओ के कार्य में क्या अंतर है। दोनों के बीच कैसे समन्वय बन कर काम होता है। क्षेत्र पंचायत में जनता कैसे अपनी समस्या को बता सकते हैं।

हर्षिता यादव

कक्षा-9, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल जवाब

विकास कार्य को करने के लिए सभी का कार्य विभाजित किया गया है। उन्हें दायित्व भी दिए गए हैं। जिले में सीडीओ का एक पद होता है। जबकि प्रत्येक ब्लाक में बीडीओ की तैनाती होती है। क्षेत्र में जनता अपनी समस्या को ब्लाक कार्यालय में जाता है। अगर बीडीओ स्तर पर कार्य हो सकता है तो वहीं से पूरा होता है। अगर अधिकारी के परामर्श की आवश्यकता होती है तो वह सीडीओ के पास भेजा जाता है। सवाल

जिले की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कई बार विकास कार्य को कराने में परेशानी का सामना करना पड़ता होगा। इससे आप कैसे निपटते हैं।

अनुराग शुक्ला

कक्षा-10, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल जवाब

भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कई बार विकास कार्य को पूरा कराना चुनौती भरा काम साबित होता है। करीब 150 विभाग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। जिले में बाढ़ की समस्य विकट है। करीब तीन माह तक विकास कार्य प्रभावित रहता है। दूसरी समस्या यह है कि यहां के लोग सीधे अधिकारियों से संपर्क नहीं करते हैं। वह माध्यम खोजते हैं, जो ठीक नहीं है। लोगों के जीवन स्तर को उठाने के सरकार ने कई योजनाएं संचालित की है। स्वरोजगार योजना से रोजगार के अवसर प्रदान किया जा रहा है। सवाल

लाकडाउन में हम सभी लोग घर में रहे। लेकिन सभी अधिकारी व कर्मचारी ड्यूटी पर थे। क्या आप लोगों को कोरोना से भय नहीं लगता था।

आशीष गौड़

कक्षा-9, सिंहेश्वरी इंटर कालेज जवाब

सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को दायित्व सौंपा गया है। उसका निवर्हन करना होता है। कोरोना संक्रमण काल में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सफाई कर्मियों को योद्धा की उपाधि प्रदान की गई। सवाल

लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें, इसकी प्राप्ति के लिए क्या करना होगा। दिल्ली और यहां की पढ़ाई में अंतर है। वह बेसिक अंतर क्या है, इसकी जानकारी दें।

अभय पाठक

कक्षा-9, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल जवाब

जिदगी का लक्ष्य खुश रहना है। वहीं काम करें, जिसमें आत्मसंतुष्टि मिले। अगर आप किसी काम से खुश नहीं है तो उसे नहीं करना चाहिए। नई दिल्ली की पढ़ाई और यहां के स्कूलों की शिक्षा में कोई विशेष अंतर नहीं है। दिल्ली में पढ़ाई का माहौल बन जाता है। अभिभावक जागरूक हैं। घर में पढ़ने की आदत डालें, सफलता निश्चित है। इंटरनेट मीडिया का भी सहयोग लिया जा सकता है। दैनिक जागरण की पहल से सीडीओ से सवाल करने का अवसर मिला। यह काफी गौरवपूर्ण रहा। हमें ज्ञान की बातें मालूम चली। कैसे कैरियर का चयन करना है, उन्होंने बेहतरीन तरीके से बताया।

वैभव कुमार गुप्ता मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग से बातचीत की। करीब डेढ़ घंटे के मुलाकात में उन्होंने व्यवहारिक जीवन की बातें बताई। जो बेहतर कैरियर के लिए लाभप्रद साबित होगी। इसके लिए दैनिक जागरण को आभार।

आशीष गौड़ जब स्कूल में मालूम चला कि आज सीडीओ सर के सामने सवाल करने का अवसर मिलेगा तो कुछ देर के लिए आश्चर्यचकित रह गई। जब सीडीओ सर ने सवालों का जवाब दिया तो संतुष्टि मिली। इसके लिए दैनिक जागरण को आभार।

हर्षिता यादव हम भविष्य को लेकर काफी चितित रहते थे। दैनिक जागरण ने इस समस्या का समाधान कराया। इसके लिए आभार। सीडीओ सर ने बेहतर कल बनाने के लिए जो टिप्स दिए हैं, वह आगे काम आएगें।

आयुष पांडेय सीडीओ सर ने सरल भाषा में सभी सवालों का जवाब दिया। इस साक्षात्कार से बेहतर भविष्य बनने में सहायता मिलेगी। यह दैनिक जागरण के माध्यम से संभव हो सका। इसके लिए समाचार पत्र को आभार।

अनुराग शुक्ला सीडीओ सर ने जो व्यवहारिक ज्ञान दिया है, उससे भविष्य में लाभ मिलेगा। आगे की पढ़ाई के लिए भी उन्होंने बताया। प्रतियोगी परीक्षा की कैसे तैयारी करें, इसकी भी जानकारी दी। यह दैनिक जागरण के कारण संभव हो सका, इसके लिए आभार

विश्वास कुमार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.