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धड़ल्ले से जल रही पराली, रोकिए साहब

तहसील क्षेत्र में 75 फीसद धान की कटाई पूरी हो चुकी है। प्रशासन ने स्ट्रारिपर वाली कंबाइन मशीनों से कटाई के निर्देश दिए थे जिसे धता बताते हुए बिना स्ट्रारिपर यंत्र से कंबाइन मालिकों ने कटाई की और कृषि अवशेष बने रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:37 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:37 PM (IST)
धड़ल्ले से जल रही पराली, रोकिए साहब
धड़ल्ले से जल रही पराली, रोकिए साहब

सिद्धार्थनगर : हल्की बारिश के बाद एनसीआर सहित प्रदेश की आबोहवा में घुला जहर कम जरूर हुआ है, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। डुमरियागंज तहसील में प्रशासन ने ग्राम स्तर तक जिम्मेदारी तय तो जरूर कर दी है, लेकिन जिम्मेदार अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन बने हुए हैं, जिसके चलते खेतों में बेखौफ पराली जलाकर वायु प्रदूषण में इजाफा किया जा रहा है।

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तहसील क्षेत्र में 75 फीसद धान की कटाई पूरी हो चुकी है। प्रशासन ने स्ट्रारिपर वाली कंबाइन मशीनों से कटाई के निर्देश दिए थे, जिसे धता बताते हुए बिना स्ट्रारिपर यंत्र से कंबाइन मालिकों ने कटाई की, और कृषि अवशेष बने रहे। गेहूं बोआई का समय निकलता देख किसान अब कृषि अवशेष धड़ल्ले से जला रहे हैं। गुरुवार पचमरी और पटखौली के सिवान में खुलेआम किसान पराली जलाते दिखे। पूछने पर कहा कि क्या करें अधिक पैसा देकर कटाई कराई, लेकिन खेत में अवशेष बचे रह गए। इतनी जल्दी इसे सड़ाया नहीं जा सकता इसलिए जलाना ही एकमात्र रास्ता है। वहीं गांव के लेखपाल, चौकीदार सहित तमाम लोगों की जिम्मेदारी जरूर तय है, लेकिन वह अपने कर्तव्य से मुंह मोड़े बैठे हैं।

जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

डुमरियागंज एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि पराली जलाने वालों व निगरानी के लिए जिम्मेदार बनाए गए लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग से भी जवाब मांगा जाएगा।

दीवानी न्यायालय के लिए दिया ज्ञापन

डुमरियागंज में गुरुवार को तहसील बार एसोसिएशन डुमरियागंज के अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार की संपत्ति को दीवानी न्यायालय बनाए जाने के लिए एसडीएम त्रिभुवन को ज्ञापन दिया और मांग की कि यह भूमि तहसील के पास है ,डुमरियागंज नगर में है इसलिए वादकारियों एवं अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए इसी भूमि पर दीवानी न्यायालय बनाया जाए, जनहित में न्याय संगत है।

बिजली कटौती से परेशानी

क्षेत्र मे बिजली कटौती के चलते लोगों का जीना दूभर हो गया है। सुबह 6 बजे से ही बिजली की आंख मिचौली शुरु हो जाती है जो दिन भर चलती रहती है। दिन में लाइट की कटौती से जहां लोग परेशान हैं वहीं शाम होते ही गांवों में अंधेरा छा जाता है। रात के समय में भी लाइट की कटौती से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे- छोटे बच्चों को होती है। इसके साथ ही घरों एवं दुकानों के विद्युत पर आधारित उपकरण शोपीस बने हुए है। मनीव श्रीवास्तव, राजकुमार, सोने विजय कुमार, सुवाकर त्रिपाठी, पांचू, अब्दुल, रामानन्द तिवारी, विनोद दूबे आदि ने विद्युत आपूर्ति में सुधार की मांग की है।

सफाई व्यवस्था का बुरा हाल

भनवापुर के देवरिया चमन गांव में कई महीना से सफाई नहीं हुई है ।जिससे गंदगी की भरमार है। इसके कारण आदमी गर्मी मे द्वार पर बैठने के लिए तरस रहे हैं। रफीउल्लाह व रमजान बताते हैं की इस गांव मे सफाई कर्मी नहीं क्योंकि प्रधान से सेटिग है। हम गांव के लोग अपने - अपने घर के सामने की नाली खुद साफ करते हैं। वही हमारे आस-पास के गांवों में खुद प्रधान सफाई करवा रहे है। ऐसे में कोरोना नहीं तो क्या फैलेगा। सरकार के निर्देश का पालन यहां नहीं हो रहा। कोई नहीं सुनता।


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