कोरोना संक्रमण के बीच जेई- एइएस का खतरा
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच जेई-एइएस का भी खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाने का दावा तो कर रहा है मगर यह धरातल पर अब तक नहीं दिख रहा है। विभाग का पूरा फोकस कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर ही है।
सिद्धार्थनगर: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच जेई-एइएस का भी खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाने का दावा तो कर रहा है, मगर यह धरातल पर अब तक नहीं दिख रहा है। विभाग का पूरा फोकस कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर ही है।
पूर्वांचल में जेई-एईएस अभिशॉप बनी रही। हालांकि जागरूकता एवं टीकाकरण के बाद दिमागी बुखार से होने वाली मौत के आकड़े कम हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग 31 जुलाई तक जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर जन समुदाय को जागरूक करने का दावा कर रहा है। अभियान में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षण व बचाव के उपचार के बारे में बताने की बात कही जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी एके मिश्रा ने बताया कि अधिकतर बीमारियां बरसात के मौसम में प्रभावी होती हैं। बरसात के ही मौसम में मच्छर पानी में लार्वा छोड़ देते हैं, इससे संक्रमण बढ़ने लगता है। मच्छरों का प्रकोप कम करने के लिए नगर पालिका व ग्राम पंचायतों के माध्यम से एंटी लार्वा का छिड़काव, मच्छरों के लिए निरोधात्मक कार्रवाई, जल-जमाव न होने पाए इसके उपाय व साफ-सफाई का होना आवश्यक है।
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यह सावधानी जरूरी
मच्छरों से बचें, मच्छरदानी व कीटनाशक का प्रयोग करें। सोते समय पूरे आस्तीन की शर्ट व फुल पैंट जरूर पहनें। सुअरों को घर से दूर रखें। इनके रहने वाले स्थान पर जाली लगवाएं। इंडिया मार्का हैंडपंप के पानी का प्रयोग करें। पानी हमेशा ढ़क कर रखें। पक्के व सुरक्षित शौचालय का प्रयोग करें। शौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवश्य धुलें। नाखूनों को काटते रहें।
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जेई- एइएस से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को बारिश के मौसम खास सतर्क रहने की जरूरत है। घरों के आसपास साफ- सफाई रखें। बारिश का पानी एकत्र न होने दें।
डॉ आइबी विश्वकर्मा, सीएमओ