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सपा को एक सीट का फायदा, भाजपा को तीन का नुकसान

अध्यक्ष पद के लिए लोग जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। दलों के विजयी प्रत्याशियों को एकजुट रखने के साथ दूसरे दल में सेंधमारी में राजनीतिक सूरमा जुट गए हैं। इस बार भी सदन के सबसे बड़े दल के रूप में सपा के सदस्य रहेंगे। भाजपा दूसरे नंबर पर है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 10:57 PM (IST)
सपा को एक सीट का फायदा, भाजपा को तीन का नुकसान
सपा को एक सीट का फायदा, भाजपा को तीन का नुकसान

सिद्धार्थनगर : पंचायत चुनाव का शोर समाप्त हो गया है। विजेता के नाम की घोषणा हो गई है, लेकिन जिला पंचायत में अब राजनीति गर्म होने लगी है।

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अध्यक्ष पद के लिए लोग जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। दलों के विजयी प्रत्याशियों को एकजुट रखने के साथ दूसरे दल में सेंधमारी में राजनीतिक सूरमा जुट गए हैं। इस बार भी सदन के सबसे बड़े दल के रूप में सपा के सदस्य रहेंगे। भाजपा दूसरे नंबर पर है। बसपा व कांग्रेस के सदस्य गुणा-गणित को लाइन पर लाने का काम करेंगे। निर्दल प्रत्याशियों का महत्व बढ़ गया है। वर्ष 2015 के सापेक्ष इस बार सपा को एक सीट का लाभ हुआ है। वहीं भाजपा को तीन सीट का नुकसान उठाना पड़ा है।

वर्ष 2015 में सदन में सदस्य की संख्या 48 थी। शासन से पांच नए नगरीय निकाय स्थापित होने के बाद नए सिरे से परिसीमन हुआ। जिससे संख्या घटकर 45 हो गई। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित है। यहां से तीन पूर्व महिला जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव लड़ी थी। केवल सपा प्रत्याशी पूजा यादव ने विजय प्राप्त किया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष साधना चौधरी व जनकनंदनी चौरसिया को पराजय का मुख देखना पड़ा है। इसके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा लालजी त्रिपाठी की पत्नी महेश्वरी त्रिपाठी भी पराजित हो गई हैं। भाजपा से निर्विरोध सदस्य बनने के बाद धन बली के रूप में शीतल सिंह का नाम तेजी से उछल रहा है।इनके पक्ष में सपा व बसपा समेत कुल आठ प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र वापस लिया। तीन बार विधायक रहे जिप्पी तिवारी के परिवार से क्षमा तिवारी प्रमुख पद की दावेदार बताई जा रही हैं। इटवा से पूर्व प्रत्याशी हरिशंकर सिंह व हिदू नेता अभय राम पांडेय की पत्नी भी दावेदार हैं। दूसरी बार सदन में पहुंची सुजाता सिंह के नाम की भी चर्चा है। वैसे तय यही माना जा रहा है कि शासन से जिस नाम पर मोहर लगेगी वही, उसे ही यह कुर्सी मिलेगी।

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दलगत सदस्यों की संख्या

वर्ष 2015

पार्टी- संख्या

भाजपा- 12

सपा- 15

बसपा- 06

कांग्रेस- 03

निर्दल- 12

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वर्ष 2021

भाजपा- 09

सपा- 16

बसपा- 03

कांग्रेस- 02

निर्दल- 15


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