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खाली तो कहीं कर्मचारियों का रैन बसेरा पर कब्जा

जनपद मुख्यालय पर गरीब असहाय व निराश्रितों को ठंड से बचाव के लिए तीन रैन बसेरा

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 05:38 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 05:38 PM (IST)
खाली तो कहीं कर्मचारियों का रैन बसेरा पर कब्जा
खाली तो कहीं कर्मचारियों का रैन बसेरा पर कब्जा

सिद्धार्थनगर : जनपद मुख्यालय पर गरीब, असहाय व निराश्रितों को ठंड से बचाव के लिए तीन रैन बसेरा स्थापित किया गया है। जिला अस्पताल में बने रैन बसेरा पर 102,108 एम्बुलेंस कर्मियों का कब्जा है। जबकि रेलवे स्टेशन और सरोजनी नगर में सन्नाटा पसरा दिखा। बाहर से आकर रिक्शा चलाने एवं रेल एवं बसों से यात्रा कर आने वाले लोगों को ठहरने का कोई खास इंतजाम नहीं है।

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जिला अस्पताल में बिस्तर, भोजन की बात ही छोड़़ दीजिए। तीमारदारों को रहने की कोई व्यवस्था नहीं है।

ठंड के मौसम में अलाव, भोजन, चिकित्सा समेत अन्य बचाव सामग्रियों की व्यवस्था कराया जाना था। अति निर्धन, निराश्रित व असहाय लोगों को ठौर के लिए बने रैन बसेरे में सिर्फ बिस्तर लगाकर छोड़ दिया गया है। रात्रि में दूर-दराज से आने वाले अमीर वर्ग के लोग तो शहर मे बने होटलों में पैसा खर्च कर रुक जाते हैं। जबकि गरीबों को ठंड में रात्रि बीताने को मजबूर होना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर टेंट में स्थापित रैन बसेरा में सिर्फ एक कर्मचारी ही मौजूद मिला। जबकि यह 11 नवंबर से संचालित है। कर्मचारी जितेंद्र ने बताया कि 145 लोग अब तक ठहर चुके है। खाने में पूड़ी- सब्जी दिया जा रहा है। जबकि दूसरा सरोजनी नगर में स्थित मैरिज हाल को अस्थाई तौर पर बसेरा बनाया गया है। यह भी खाली मिले गैलरी में कटती है तीमारदारों की रात अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वजनों के लिए रैन बसेरा बना हुआ है। दो मंजिला बने इस भवन में एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारियों ने वर्षों से कब्जा जमा रखा है। जिसके कारण मरीजों के स्वजन को परिसर में खाली पड़े स्थान या भवन के अंदर गलियारा आदि में जगह लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में पहुंचे बांसी के राकेश कुमार और बढ़नी के रमेश ने बताया कि वह अपने घर के मरीजों को यहां भर्ती कराए है, लेकिन रात को यहां रुकने की व्यवस्था नहीं है। शुक्रवार को कई परिजन परिसर में बाहर सोते दिखे। जिला अस्पताल में बने रैन बसेरा के बारे में जब सीएमएस डाक्टर आरके कटियार से सीयूजी नंबर पर बात करने की कोशिश की गई तो फोन उठाने वाले ने नाम अमन बताते हुए अगले दिन आफिस में आकर बात करने को कहा। रेलवे स्टेशन पर हर दिन औसत 11 व सरोजनी नगर में चार से पांच लोग हर दिन ठहरते हैं। उन्हें खाने में पूड़ी सब्जी व सलाद भी दी जा रही है। रात को रुकने वालों को कोई दिक्कत न हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

शैलेंद्र कुमार, ईओ नपा सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल के रैन बसेरा को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। यहां मरीज के स्वजनों के रहने का इंतजाम होगा। एंबुलेंस कर्मियों को रहने के लिए अन्य स्थान पर व्यवस्था कराई जाएगी। दोषी के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

दीपक मीणा, डीएम


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