कोई विश्वासघात से हारा तो कहीं संघर्ष से मिली जीत
वहीं दूसरी तरफ कुछ प्रत्याशियों ने दूसरी व तीसरी बार जीत का स्वाद चखा। चुनाव कोई भी रहा हो जीत मिली या हार लेकिन जो भी प्रत्याशी मैदान में उतरे थे उन्होंने अब समीक्षा शुरू कर दी है।
सिद्धार्थनगर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का परिणाम आ चुका है, प्रधानी से लेकर जिला पंचायत तक में कई स्थानों पर अप्रत्याशित परिणाम सामने आए हैं। खेसरहा क्षेत्र के कई पूर्व प्रधानों को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। कुछ ग्राम पंचायतों में तो नए चेहरे मात्र एक दो वोट से ही चुनाव जीत गए।
वहीं दूसरी तरफ कुछ प्रत्याशियों ने दूसरी व तीसरी बार जीत का स्वाद चखा। चुनाव कोई भी रहा हो, जीत मिली या हार लेकिन जो भी प्रत्याशी मैदान में उतरे थे, उन्होंने अब समीक्षा शुरू कर दी है।
जीतने वाले इस बात पर मंथन कर रहें है कि कहां उन्हें कम वोट मिला। साथ ही ऐसे जगहों पर भी उनकी नजर है, जहां अधिक वोट मिल सकता था लेकिन नही मिला। ग्राम पंचायत में हारने वाले प्रत्याशी उन चेहरों को चिन्हित करने में जुटे है। जिन्होंने वादा करने के बाद विश्वासघात किया है। ऐसे लोगों से संपर्क तेज हो गया है। हारे हुए प्रत्याशी घर घर जाकर लोगों से वोट के बारे में पूछ रहे हैं। जिनका वोट हासिल करने के लिए तमाम जतन किये थे, इसके बावजूद उनका वोट नहीं मिला। क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव में कई जगहों पर कांटे की टक्कर रही। कई दिग्गज इस लिए हार गए कि उनके ही करीबियों ने धोखा दे दिया। जिला पंचायत में तो कई स्थानों पर सत्ताधारियों को कुछ निर्दलीय व बागी पराजित करने में कामयाब रहे। प्रधान बनने का सपना लेकर मतगणना कराने गए लोग हारने के बाद अब मतदाताओं से खीझ निकाल रहे हैं। पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल चुनाव के चौथे दिन भी बना हुआ है।