सड़कों की हालत खराब, कैसे हो सफर
चौरई ताल से सप्ती नानकार मार्ग की लंबाई 12 किमी. है। सात से नौ किमी. तक मार्ग अपना अस्तित्व ही खो चुका है। जबकि इस मार्ग से कुजडा़ चौरई ताल डुमरिया बुजुर्ग गेगटा मुहुलानी डड़िया ताल बनौली सेमरहना झाझापार ऐचनी बेलहरा आदि चार दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन होता है। यही स्थिति तीन किमी लंबे खेसरहा - देऊरी मार्ग की है। पूरे मार्ग की पिच भाग गायब हो चुका है। गिट्टी उखड़ कर सड़क पर बिखरी पड़ी हैं।
सिद्धार्थनगर : बांसी- धानी मार्ग से निकले तीन प्रमुख मार्गों की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है। राहगीरों का पैदल चलना भी मुहाल है। जगह - जगह बने बड़े- बड़े गड्ढे आए दिन राहगीरों के लिए दुर्घटना का कारण भी बन रहे हैं। बार-बार शिकायत के बावजूद भी लोक निर्माण विभाग इनकी मरम्मत नहीं करा रहा है।
चौरई ताल से सप्ती नानकार मार्ग की लंबाई 12 किमी. है। सात से नौ किमी. तक मार्ग अपना अस्तित्व ही खो चुका है। जबकि इस मार्ग से कुजडा़, चौरई ताल, डुमरिया बुजुर्ग, गेगटा, मुहुलानी, डड़िया ताल, बनौली, सेमरहना, झाझापार, ऐचनी, बेलहरा आदि चार दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन होता है। यही स्थिति तीन किमी लंबे खेसरहा - देऊरी मार्ग की है। पूरे मार्ग की पिच भाग गायब हो चुका है। गिट्टी उखड़ कर सड़क पर बिखरी पड़ी हैं। राहगीर गिरते उठते आगे बढ़ते हैं। इससे भी एक दर्जन गांवों के लोगों का आवागमन होता है। 10 किमी लंबा सेमरा- खेसरहा मार्ग तो अपने अस्तित्व को ही खो रहा है। 30 ग्राम पंचायत को जोड़ने वाला यह मार्ग पगड़डी से भी बदतर हो गया है। नागेंद्र पाण्डेय, रामदेव, राकेश शुक्ल,रमजान अली, उपेंद्र पाण्डेय, डिपल सिंह आदि ने कहा कि कई बार शिकायत के बाद भी लोनिवि के अधिकारी ध्यान नहीं दिए। अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग राजेश कुमार कहना है कि इन तीनों मार्ग का मैं निरीक्षण कर लेता हूं। मरम्मत किस स्तर का यह जान डिमांड शासन को भेज दूंगा।
गांव में नालियों का अभाव, गलियों में जलजमाव
सिद्धार्थनगर के मिठवल ब्लाक की ग्राम पंचायत कटबंध के टोला दुबौली व रायडड़वा में नालियों के अभाव से सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इससे संक्रामक रोगों को बुलावा मिल रहा है। ग्राम पंचायत की कुल आबादी दो हजार है। दो सफाई कर्मी तो तैनात हैं पर वह प्रधान के कृपा पात्र हैं।
ग्राम पंचायत स्थित तीन टोलों में नालियों का निर्माण नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने नाली निर्माण की कई बार मांग भी उठाई पर ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी सुना अनसुना कर दिए। कमलावती पत्नी राजेंद्र निवासी दुबौली का कहना है कि गांव में जब बरसात होती है। तो रास्ता चलना दूभर हो जाता है। आशिक अली, अब्दुल्लाह, लाल मोहम्मद ने बताया कि इसके लिए तहसील दिवस में शिकायती पत्र दिया गया था। जांच के लिए अधिकारी भी आये थे। लेकिन उसका भी कोई निराकरण नही निकला। राजू निवासी कटबंध का कहना है कि गांव में जल निकासी के लिए नाली न होने से रास्ते में गंदा पानी पसरा रहता है। यदि रात्रि मे कोई काम पड़ जाए तो निकलने का मन नहीं करता।
एडीओ पंचायत वीरेंद्र कुमार ने कहा कि गांव में सफाई कर्मी की तैनाती है और रोस्टर के तहत स्वच्छता अभियान का पखवाड़ा भी चलाया जाता है। गांव के लोगों जो आरोप है उसपर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।