शिविर के आयोजन से होता है व्यक्तित्व का विकास
रोवर्स रेंजर्स के सरस्वती वंदना व स्वागत गान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साथ ही विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पांच दिवसीय कार्यक्रम की संक्षिप्त आख्या रोवर्स राजकुमार व रेंजर्स श्रद्धा सिंह ने प्रस्तुत किया गया।
सिद्धार्थनगर : रतन सेन डिग्री कालेज में बीएड द्वितीय वर्ष के छात्राध्यापक व छात्राध्यापिकाओं के पांच दिवसीय रोवर्स- रेंजर्स शिविर का विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों व टेंट पिचिग, कुकिग आदि कार्यों के साथ मंगलवार को समापन हुआ। मुख्य अतिथि हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. निर्मला त्रिपाठी ने कहा कि पांच दिवसीय शिविर से निश्चित ही सभी छात्राध्यापक-छात्राध्यापिकाओं के व्यक्तित्व का विकास हुआ होगा तथा इसका प्रयोग आप सभी देश, राष्ट्र एवं समाज के लिए अवश्य करेंगे। ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए। इससे व्यक्तित्व का विकास होता है।
रोवर्स रेंजर्स के सरस्वती वंदना व स्वागत गान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साथ ही विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पांच दिवसीय कार्यक्रम की संक्षिप्त आख्या रोवर्स राजकुमार व रेंजर्स श्रद्धा सिंह ने प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डा. अर्चना मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। संचालन कर रहे डा संतोष कुमार सिंह ने रोवर्स रेंजर्स से कहा कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत मिले ज्ञान को सही दिशा में प्रयोग करते हुए जीवन में अपने लक्ष्य एवं उद्देश्य को प्राप्त करें। अध्यक्षता कर रहे डा. ब्रह्म सिंह ने सभी अतिथियों एवं रोवर्स-रेन्जर्स का आभार प्रकट किया। डा. राजेश कुमार यादव, डा किरन देवी, रामबाबू, डा हंसराज, डा. सुनीता त्रिपाठी, अमित मिश्रा, मनोज कुमार मौर्य, सौरभ प्रताप सिंह, दिनेश कुमार आदि मौजूद रहे।
एनसीसी कैडेटों ने किया ग्रामीणों को जागरूक
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट ने मंगलवार को जागरूकता रैली निकाली। ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक किया। 45 वर्ष के ऊपर के लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया। रैली ने पंडितपुर, चैनपुर आदि गांव का भ्रमण किया।
एनसीसी कैडेट्स ने टीका उत्सव कार्यक्रम को सफल बनाने के संबंध में ग्रामीणों से वार्ता की। एनसीसी अधिकारी डा. प्रज्ञेश नाथ त्रिपाठी और चिकित्सक डा. अरुण द्विवेदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। अभी 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण हो रहा है। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे लेकर फैली भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है। इस महामारी से निपटने में टीकाकरण एक प्रमुख साधन है। इससे शरीर पर किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।