भारत-नेपाल का बरकरार रहेगा रोटी-बेटी का रिश्ता
भारत- नेपाल के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता चला आ रहा है। जिसको सुदृढ करने करने का प्रयास लगातार भारतीय दूतावास द्वारा किया जाता है। संबंधों में कहीं खटास नहीं आने दी जाएगी।
सिद्धार्थनगर : भारत- नेपाल के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता चला आ रहा है। जिसको सुदृढ करने करने का प्रयास लगातार भारतीय दूतावास द्वारा किया जाता है। संबंधों में कहीं खटास नहीं आने दी जाएगी।
यह बातें नेपाल के भारतीय राजदूत के काउंसलर स्टेलिन बाबू चिकाटला ने रूपनदेही जनपद के सम्मरिमाई गांव पालिका वार्ड नंबर छह में आयोजित स्वागत समारोह के दौरान कही। कहा कि दोनों देशों में अच्छा संबंध होने की वजह से खुली सीमा है। ऐसा पूरे विश्व के किसी भी बार्डर पर नहीं है। कहा कि पड़ोसी से जितना अच्छा संबंध होता है, उतना ही अच्छा विकास होता है। दोनों देशों के संबंध को दूतावास के तरफ से और भी सु²ढ करने का प्रयास रहेगा। तरैनी बार्डर को खोले जाने एवं ककरहवा बार्डर को कामर्शियल खोले जाने पर कहा कि प्रयास किया जाएगा कि बार्डर खुले। समन्वय बैठक में निर्णय होगा। नेपाल में बसे भारतीयों को किसी भी दस्तावेज के सत्यापन के लिए काठमांडू चक्कर न काटना पड़े इसलिए दूतावास द्वारा सीमाई क्षेत्रों में कैंप लगाकर उनकी समस्याओं को समाधान किया जा रहा है। ये क्षेत्र कृषि प्रधान है इसलिए कोल्ड स्टोरेज एवं, सड़क एवं स्कूलों के लिए बेहतर सहयोग प्रदान किये जाने का प्रयास करूंगा। बच्चों को पढ़ाई के लिए उत्साहित करते हुए कहा कि भारत सरकार हर वर्ष तीन हजार लोगों को शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दे रही है। अध्यक्षता सम्मरिमाई गांव पालिका के मेयर जितेंद्र नाथ शुक्ला एवं संचालन सीईओ तेक राज भट्टराई ने किया। नेपाल भारत मैत्री संघ के सिद्धार्थ अग्रवाल, नेवास अली , गंगा राम पासी, श्रवण यादव, एडी खान, असलम खान, जैस मोहम्मद खान, रामधनी मौर्या, प्रमोद गौतम, दुर्गावती केवट, बुद्धिराम पंथी, भगौती राउत, गो¨वद मांझी, दुर्गेश कोहार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।