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पौधारोपण के नाम पर खेल, अधिकतर पौधे गायब

प्रदेश सरकार हर वर्ष योजनाबद्ध तरीके से करोड़ों पौधे लगाने का दावा करती है। जिसे धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है। विभाग अभिलेखों में हर वर्ष इतने पौधे बंधों सड़कों के किनारे नहरों की पटरियों व कब्रिस्तान व श्मशान घाटों के आसपास लगा भी देता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:16 PM (IST)
पौधारोपण के नाम पर खेल, अधिकतर पौधे गायब
पौधारोपण के नाम पर खेल, अधिकतर पौधे गायब

सिद्धार्थनगर : प्रदेश सरकार हर वर्ष योजनाबद्ध तरीके से करोड़ों पौधे लगाने का दावा करती है। जिसे धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है। विभाग अभिलेखों में हर वर्ष इतने पौधे बंधों, सड़कों के किनारे, नहरों की पटरियों व कब्रिस्तान व श्मशान घाटों के आसपास लगा भी देता है। साथ ही साथ हर वर्ष करोड़ों रुपये इनकी रखवाली, सिचाई व गुड़ाई-निराई में भी खर्च होते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि डुमरियागंज में यह काम सिर्फ कागजों में ही होता है। जिस हिसाब से अभिलेख में रोपड़ होते हैं एक बड़ा भूभाग पौधे से आच्छादित रहना चाहिए। क्षेत्र के राप्ती नदी बंधे पर बिलवट से पेंदा गांव के सामने तक वन विभाग को आठ हजार फलदार व छायादार पौधा लगाने थे। करीब दो हजार पौधे ही लगाए गए। वह भी देखरेख के अभाव में दो सौ की संख्या में सिमट के रह गए हैं।

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उक्त बंधे पर वन विभाग को पौधरोपण अभियान वर्ष 2021 के तहत 8000 पौधे जिनमें शीशम, सागौन, अर्जुन, जामुन, सिरसा, कंजी आदि प्रजातियों के लगाने थे। कहने को बंधे पर गड्ढे खोदे भी गए लेकिन जब लगाने की बारी आई तो खेल हो गया। उसमें भी बिलवट गांव के पूर्व तिलकहना डीह के उत्तर शीशम के करीब 200 पौधे ही बचे हैं। जबकि वन विभाग इन पौधों की देख रेख व निराई गुड़ाई के लिए बाकायदा निर्धारित लक्ष्य आठ हजार के लिए धनराशि भी व्यय कर रहा है। क्षेत्र के अब्दुल समद, हरिनाथ, अवधेश पांडेय, सुहेल अहमद, अवधेश चौधरी, सर्वेश पांडेय आदि ने डीएम से पौधरोपण में हुए खेल की जांच कराने के साथ दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। इसी प्रकार बढ़नीचाफा नगर पंचायत के झंडेनगर बार्डर से सेहरी खास तक सरयू नहर के माइनर पर पांच हेक्टेर में 5500 पौधे विभिन्न प्रजातियों के रोपे गए वन विभाग की ओर से रोपे गए। मौके पर कुल 500 भी सुरक्षित नहीं हैं। देख-रेख के लिए अभिलेखों में कर्मी तैनात कर निराई-गुड़ाई के नाम पर धनराशि भी खारिज हुई है। मौके पर लगभग 500 पौधे ही बचे हैं। क्षेत्र के लोगों ने कहा जब इतने पौधे लगे ही नहीं तो बचे कहां से। वन क्षेत्राधिकारी अमर शंकर शुक्ला ने कहा कि जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।


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